इस पर कोई नियंत्रण नहीं था
आईपीएल में कई वर्षों तक किस भी फ्रेंचाइजी द्वारा पुजारा को नहीं लेने के नहीं लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कठिन था, लेकिन यह ऐसी चीज है, जिस पर मेरा कोई नियंत्रण नहीं। पुजारा ने बताया कि हालांकि इस दौरान उन्होंने क्रिकेट के छोटे प्रारूप की दिशा में बेहतर करने के लिए काम करते रहे। साथ ही उन्होंने बताया कि उन्होंने नेगेटिविटी को खुद से दूर रखा।
आईपीएल में कई वर्षों तक किस भी फ्रेंचाइजी द्वारा पुजारा को नहीं लेने के नहीं लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कठिन था, लेकिन यह ऐसी चीज है, जिस पर मेरा कोई नियंत्रण नहीं। पुजारा ने बताया कि हालांकि इस दौरान उन्होंने क्रिकेट के छोटे प्रारूप की दिशा में बेहतर करने के लिए काम करते रहे। साथ ही उन्होंने बताया कि उन्होंने नेगेटिविटी को खुद से दूर रखा।
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पुजारा ने यूट्यूब चैनल को बताया कि वे नेगेटिविटी को खुद से दूर रखने के लिए योगा और ध्यान करते हैं। पुजारा का कहना है कि ऐसा करने के लिए उन्हें उनके आध्यातमिक गुरु ने सलाह दी थी। पुजारा का कहना है कि इंटरनेशनल क्रिकेट में खुद को स्थापित करने के लिए दबाव झेलना जरूरी होता है। अगर आप एक बार नेगेटिविटी में चले गए तो सबकुछ नेगेटिव होने लगता है। उनका कहना है कि वे नियमित रूप से योग करते हैं और प्रार्थना करता हैंं, जिससे वे सकारात्मक बने रहें।
पुजारा ने यूट्यूब चैनल को बताया कि वे नेगेटिविटी को खुद से दूर रखने के लिए योगा और ध्यान करते हैं। पुजारा का कहना है कि ऐसा करने के लिए उन्हें उनके आध्यातमिक गुरु ने सलाह दी थी। पुजारा का कहना है कि इंटरनेशनल क्रिकेट में खुद को स्थापित करने के लिए दबाव झेलना जरूरी होता है। अगर आप एक बार नेगेटिविटी में चले गए तो सबकुछ नेगेटिव होने लगता है। उनका कहना है कि वे नियमित रूप से योग करते हैं और प्रार्थना करता हैंं, जिससे वे सकारात्मक बने रहें।
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पुजारा ने अपने पुराने दिन याद करते हुए बताया कि एक दौर ऐसा आया था, जब वे क्रिकेट छोड़ना चाहते थे। पुजारा ने बताया कि उन्हें लगने लगा था कि वे इस प्रेशर को नहीं झेल पाएंगे। पुजारा ने बताया कि वे अपनी स्वर्गवासी मां के पास जाते और राते थे। साथ ही वे क्रिकेट को छोड़ना चाहते थे, लेकिन आज उन्हें पता है कि दबाव कैसे झेलना है, इससे कैसे पार पाना है। बता दें कि पुजारा जब 17 साल के थे तो उनकी मां का देहांत हो गया था।
पुजारा ने अपने पुराने दिन याद करते हुए बताया कि एक दौर ऐसा आया था, जब वे क्रिकेट छोड़ना चाहते थे। पुजारा ने बताया कि उन्हें लगने लगा था कि वे इस प्रेशर को नहीं झेल पाएंगे। पुजारा ने बताया कि वे अपनी स्वर्गवासी मां के पास जाते और राते थे। साथ ही वे क्रिकेट को छोड़ना चाहते थे, लेकिन आज उन्हें पता है कि दबाव कैसे झेलना है, इससे कैसे पार पाना है। बता दें कि पुजारा जब 17 साल के थे तो उनकी मां का देहांत हो गया था।