चेन्नई के लिए परेशानी कम नहीं, नहीं मिलेगा दूसरा मौकाः
चेन्नई सुपर किंग्स की टीम फाइनल खेलने का एक मौका गंवा चुकी है और अब उसके पास दूसरा और अंतिम मौका है। चेन्नई को क्वालीफायर-1 मुकाबले में तीन बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस हराकर फाइनल में प्रवेश किया।
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स के लिए हालांकि यह दूसरा क्वालीफायर कांटे भरे रास्ते से कम नहीं होगा। इसके पीछे मोटी वजह ये है कि दिल्ली की टीम इस समय शानदार फॉर्म में हैं और लगातार अपने खेल में सुधार कर रही है।
चेन्नई की बात की जाए तो उसकी समस्या पावरप्ले में तेजी से रन न बनाना है। टीम के कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने भी पहले क्वालीफायर के बाद इस बात को सरेआम कबूल किया था। धोनी और उनकी टीम के लिए यह एक चुनौती बन गई है।
इसका एक बड़ा कारण शेन वाटसन का फॉर्म में न होना है। पिछले सीज़न में जब चेन्नई ने वापसी करते हुए खिताब जीता था तब वाटसन ने कमाल की बल्लेबाज़ी की थी लेकिन इस सीज़न में वह विफल रही है।
फाफ डु प्लेसिस और शेन वाटसन का बल्ला कुछ मौकों पर चला अवश्य है लेकिन दोनों की बल्लेबाज़ी में निरंतरता नहीं दिखी है। सुरेश रैना के साथ भी यह दिक्कत रही है। केदार जाधव के जाने के बाद पूरा भार अब अंबाती रायुडू और कप्तान धोनी के जिम्मे आ गया है।
गेंदबाजी में लेग स्पिनर इमरान ताहिर अच्छा कर रहे हैं।
ताहिर ने अभी तक लीग में 23 विकेट लिए हैं और इस सीज़न में सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों की सूची में दूसरे स्थान पर खड़े हैं। स्पिन में टीम के पास हरभजन सिंह और रवींद्र जडेजा के रूप में दो और अच्छे विकल्प हैं। तेज गेंदबाज़ी की बात की जाए तो धोनी को दीपक चहर के ऊपर काफी भरोसा है और ड्वेन ब्रावो ने अभी तक निराश ही किया है।
इस बार कुछ अलग रंग में दिल्ली कैपिटल्सः
वहीं दिल्ली कैपिटल्स की टीम प्लेऑफ राउंड के एलिमिनेटर मुकाबले में गत चैंपियन सनराइजर्स हैदराबाद को हराकर यहां तक पहुंची है। ऐलिमिनेटर मुकाबले में उसने हैदराबाद को जीत के करीब आने के बाद हार के लिए मजबूर कर दिया था। इसमें ऋषभ पंत की अहम भूमिका रही थी जिन्होंने आखिरी के ओवरों में महज 21 गेंदों पर 49 रनों की पारी खेल टीम को जीत दिलाई।
पंत ने इस सीज़न के आखिरी ओवरों में कई ऐसी पारियां खेली हैं जिन्होंने दिल्ली की जीत का रास्ता खोला है। इस जीत में हालांकि सिर्फ पंत ही नहीं एक और युवा बल्लेबाज़ पृथ्वी शॉ की 56 रनों की पारी भी अहम रही जिसने दिल्ली की जीत की नींव रखी थी। दिल्ली की बल्लेबाज़ी की खासियत यही रही है कि उसका कोई न कोई बल्लेबाज़ टीम के लिए स्कोर कर जाता है। सलामी बल्लेबाज शिखर धवन तो इस सीज़न बल्ले से जबरदस्त फॉर्म में हैं। वहीं कप्तान श्रेयस अय्यर ने भी कई अच्छी पारियां खेली हैं।
बीते मैच में हालांकि यह दोनों चले नहीं थे तो उनकी भरपाई पंत और शॉ ने कर दी थी। इन चारों के अलावा दिल्ली के पास कोलिन मुनरो, कोलिन इनग्राम, शेरफेन रदरफोर्ड जैसे बल्लेबाज़ है। गेंदबाज़ी में दिल्ली के पास ट्रेंट बोल्ट, ईशांत शर्मा जैसे तेज गेंदबाज़ हैं।
बोल्ट पिछले मैच में महंगे साबित हुए थे और 12.33 की औसत से रन लुटाए थे।
हालांकि ईशांत ने किफायती गेंदबाज़ी की थी। उन्होंने चार ओवरों में 8.50 की औसत से सिर्फ 34 रन दिए थे और दो विकेट हासिल किए थे। कीमो पॉल ने मौके पूरा फायदा उठाया था और तीन सफलताएं अर्जित की थीं। स्पिन में अमित मिश्रा, अक्षर पटेल जैसे दो अनुभवी स्पिनर दिल्ली के पास हैं।
चेन्नई सुपर किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स जब-जब हुईं आमने-सामनेः
कुल मुकाबलेः 20
चेन्नई जीती- 14
दिल्ली जीती- 6
चेन्नई सुपर किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच कुछ रोचक आंकड़ेः
चेन्नई के ओपनर शेन वाटसन को दिल्ली के अमित मिश्रा और अक्षर पटेल 5-5 बार आउट कर चुके हैं।
इस सीज़न में चेन्नई के स्पिनर्स ने सबसे कुल 55 विकेट हासिल किए हैं। ये इस सीज़न में किसी भी टीम के स्पिनर्स की ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
पावर प्ले में सबसे खराब रिकॉर्ड चेन्नई सुपर किंग्स का-
इस सीज़न में पॉवर प्ले में चेन्नई का प्रदर्शन हर लिहाज से सबसे खराब रहा है। इस दौरान टीम ने सबसे ज्यादा विकेट (29) खोए। इस दौरान टीम की औसत (19.38) सबसे कम रही। पावर प्ले के दौरान ही टीम का रन रेट (6.24) अन्य टीमों के मुकाबले बेहद कम रहा। इसके अलावा टीम ने सबसे अंतराल (18.62) में विकेट खोए।
डेथ ओवर्स में सबसे खराब रिकॉर्ड दिल्ली कैपिटल्स का-
इस सीज़न में डेथ ओवर्स में दिल्ली का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। इस दौरान टीम ने सबसे ज्यादा विकेट (46) खोए। इस दौरान टीम का बल्लेबाज़ी औसत (13.09) सबसे कम रहा। इसके अलावा डेथ ओवर्स में इस बार दिल्ली दूसरी सबसे कम स्कोरिंग रेट (9.51) वाली टीम रही।
संभावित टीमें इस प्रकार हैं।
चेन्नई सुपर किंग्स:
महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), अंबाती रायडू, शेन वाटसन, सुरेश रैना, केदार जाधव, रवींद्र जडेजा, ड्वेन ब्रावो, दीपक चहर, शार्दूल ठाकुर, हरभजन सिंह, इमरान ताहिर, मुरली विजय, ध्रुव शौरे, फाफ डु प्लेसिस, ऋतुराज गायकवाड़, मिशेल सैंटनर, डेविड विली, सैम बिलिंग्स, समीर, मोनू कुमार, कर्ण शर्मा, केएम आसिफ और मोहित शर्मा।
दिल्ली कैपिटल्स:
श्रेयस अय्यर (कप्तान), शिखर धवन, पृथ्वी शॉ, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), अमित मिश्रा, अवेश खान, राहुल तेवतिया, जयंत यादव, कोलिन मुनरो, क्रिस मौरिस, संदीप लामिछाने, ट्रेंट बोल्ट, हनुमा विहारी, अक्षर पटेल, ईशांत शर्मा, अंकुश बैंस, नाथू सिंह, कोलिन इंग्राम और शेरफेन रदरफोर्ड।