जिस समय यह वाक्या हुआ उस दौरान केदार जाधव की बल्लेबाज़ी कर रहे थे और धोनी नॉन स्ट्राइकर छोर पर थे, वहीं हार्दिक पांड्या गेंदबाज़ी कर रहे थे। इस दौरान पांड्या एक गेंद डालने के दौरान वह अचानक रुक गए और वापस रन अप के लिए चले गए, हालांकि इस बीच धोनी ने अपने बल्ले को क्रीज के अंदर रख दिया। इससे साफ पता चलता है कि पांड्या धोनी को मांकड़िंग करने के प्रयास में थे लेकिन अपनी चतुराई में सफल नहीं हो सके। वहीं धोनी ने यही समय पर सही दांव खेल अपना विकेट बचा लिया।
‘मांकड़िंग’ को लेकर इसी सीज़न में खड़ा हो चुका है विवाद-
आईपीएल के इसी सीज़न में मांकड़िंग को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो चुका है जिसकी आग अभी तक शांत नहीं हुई है। मामला राजस्थान रॉयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब मैच के दौरान का है। तब पंजाब के कप्तान रविचंद्रन अश्विन ने राजस्थान के बल्लेबाज़ जोस बटलर को मांकड़िंग के जरिए आउट किया था। इस मामले में वर्तमान से लेकर पूर्व क्रिकेटर्स तक अलग-अलग बयान दे रहे हैं। कुछ इसके पक्ष में हैं तो कुछ इसका घोर विरोध भी कर रहे हैं।
क्या है मांकड़िंग?
दरअसल मैच में दूसरे छोर पर खड़ा बल्लेबाज़ अगर गेंदबाज़ के गेंद फेंक देने से पूर्व क्रीज से बाहर निकल जाए और गेंदबाज़ गिल्लियां बिखेर दे, तो उसे मांकड़िंग कहा जाता है। वैसे क्रिकेट के लिहाज से तो मांकड़िंग आउट करना सही है, लेकिन ज्यादातर लोग इसे खेल भावना के विपरित मानते हैं।