कुछ खिलाड़ियों को पसंद नहीं थी पाबंदी
जेम्स ने बायो बबल की पाबंदियों को लेकर कहा कि भारत के कुछ सीनियर खिलाड़ी पाबंदी में रहना नहीं पसंद करते। जेम्स का कहना है कि कुछ खिलाड़ियों को अच्छा नहीं लगता था कि उन्हें कहा जाए ये करो और ये नहीं करो, लेकिन फिर भी बायो बबल में सुरक्षित महसूस होता था। किसी भी वक्त हमें इस तरह का आभास हीं हुआ को बबल का नियमों का पालन नहीं हो रहा है। असली चुनौती यात्रा करना होता था।
जेम्स ने बायो बबल की पाबंदियों को लेकर कहा कि भारत के कुछ सीनियर खिलाड़ी पाबंदी में रहना नहीं पसंद करते। जेम्स का कहना है कि कुछ खिलाड़ियों को अच्छा नहीं लगता था कि उन्हें कहा जाए ये करो और ये नहीं करो, लेकिन फिर भी बायो बबल में सुरक्षित महसूस होता था। किसी भी वक्त हमें इस तरह का आभास हीं हुआ को बबल का नियमों का पालन नहीं हो रहा है। असली चुनौती यात्रा करना होता था।
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साथ जेम्स ने बताया कि उन्होंने उन भारतीय खिलाड़ियों को भी बायो बबल के माहौल में ढलते हुए देखा, जिनके परिजन काफी ज्यादा बीमार थे। जेम्स का कहना है कि कुछ ऐसे भी थे, जिनके साथ कुछ बहुत बुरा हुआ था और हमें इस चीज की थोड़ी बहुत भनक लग रही थी जबकि वो लोग कहते थे कि नहीं हमें चलते रहना चाहिए और इससे यह संदेश मिल रहा था कि इस एक चीज को ध्यान को बंटाने में काफी मदद मिलेगी।
साथ जेम्स ने बताया कि उन्होंने उन भारतीय खिलाड़ियों को भी बायो बबल के माहौल में ढलते हुए देखा, जिनके परिजन काफी ज्यादा बीमार थे। जेम्स का कहना है कि कुछ ऐसे भी थे, जिनके साथ कुछ बहुत बुरा हुआ था और हमें इस चीज की थोड़ी बहुत भनक लग रही थी जबकि वो लोग कहते थे कि नहीं हमें चलते रहना चाहिए और इससे यह संदेश मिल रहा था कि इस एक चीज को ध्यान को बंटाने में काफी मदद मिलेगी।
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वहीं भारत में बढ़ रहे कोरोना के मामलों से परेशान लोगों के अनुभव टीवी पर देखने के सवाल पर जेम्स ने कहा कि सड़क पर अक्सर ही एम्बुलेंस देख रहे थे। हालांकि जो चीज ज्यादा नजर आती थी वो ये कि लोग अपना हाथ हिलाकर अभिवादन करते थे।कुछ लोग प्रैक्टिस देखने भी आते थे। इसके लिए वे कांटों की तार के पास में खड़े होकर देखते थे कि प्रैक्टिस कैसी चल रही है। वे कांटों की तार के पास जमा हो जाते थे प्रैक्टिस देखने के लिए। हालांकि बाहर जो स्थिति थी वो हम टेलीविजन पर देख सेते थे कि लोग कैसे दवाई और मेडिकल सुविधा के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
वहीं भारत में बढ़ रहे कोरोना के मामलों से परेशान लोगों के अनुभव टीवी पर देखने के सवाल पर जेम्स ने कहा कि सड़क पर अक्सर ही एम्बुलेंस देख रहे थे। हालांकि जो चीज ज्यादा नजर आती थी वो ये कि लोग अपना हाथ हिलाकर अभिवादन करते थे।कुछ लोग प्रैक्टिस देखने भी आते थे। इसके लिए वे कांटों की तार के पास में खड़े होकर देखते थे कि प्रैक्टिस कैसी चल रही है। वे कांटों की तार के पास जमा हो जाते थे प्रैक्टिस देखने के लिए। हालांकि बाहर जो स्थिति थी वो हम टेलीविजन पर देख सेते थे कि लोग कैसे दवाई और मेडिकल सुविधा के लिए संघर्ष कर रहे हैं।