बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में पृथ्वी टेस्ट मैच में कुछ खास नहीं कर पाए थे। वे दोनों पारियों में विफल रहे थे। पहली पारी में वे बिना खाता खोले जीरो पर आउट हो गए थे। वहीं दूसरी पारी में वे 4 रन बनाकर पैवेलियन लौट गए थे। इसके बाद उन्हें टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया था। प्लेइंग इलेवन से बाहर होने के बाद पृथ्वी अपनी टेक्निक को लेकर चिंतित हो गए थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंन अपनी टेक्निक पर काम करते हुए उसमें थोड़ा बदलाव किया। इसका नतीजा उन्हें घरेलू क्रिकेट में देखने को मिला।
पृथ्वी ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद जब अपनी टेक्निक में बदलाव किया तो इसका पॉजिटिव असर विजय हजारे ट्रॉफी दिखा और वे आईपीएल 2021 में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने मुंबई टीम की कप्तानी करते हुए उन्होंने 165 से ज्यादा की औसत से टूर्नामेंट में 827 रन बनाए। इस टूर्नामेंट में 800 से ज्यादा रन बनाने वाले वे पहले बल्लेबाज बने। इसमें उन्होंने दोहरे शतक के साथ 4 सेंचुरी लगाई। इसके अलावा आईपीएल 2021 में पहलेे मैच में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 38 गेंदों में 72 रन की पारी खेली।
रविवार को पंजाब के खिलाफ मैच के बाद पृथ्वी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में पहले टेस्ट के बाद टीम से बाहर हो जाने पर वे सोचने लगे थे कि वे बोल्ड क्यो हो रहा हूं। वे छोटी सी छोटी खामी को दूर करना चाह रहे थे। पृथ्वी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद अपने कोच प्रशांत शेट्टी और प्रवीण आमरे के साथ टेक्निक पर काम किया। पृथ्वी ने बताया कि विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने अपनी तकनीक में छोटा सा बदलाव किया। उसके बाद सबकुछ ठीक हो गया। साथ ही उन्होंने बताया कि आईपील के लिए उन्हें ज्यादा तैयारी करने का मौका नहीं मिला, लेकिन रिकी पोंटिंग, प्रवीण आमरे और प्रशांत शेट्टी के साथ प्रैक्टिस करने का मौका मिला।