कार्तिक ने अबतक खेले गए 13 मैचों में 57.00 के औसत से 285 रन बनाये हैं। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 192.56 का रहा। कार्तिक ने इस सीजन में अर्धशतक भी जमाया है। उनके इस प्रदर्शन को देखते हुए कई क्रिकेट पंडितों ने उन्हें आगामी टी20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में शामिल करने की बात कही है।
कार्तिक का ये नया अवतार ऐसे ही नहीं आया है। इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। इसके लिए कार्तिक कई महीनों तक ‘टॉर्चर रूम’ में भी रहे थे। कुछ साल पहले उनके दोस्त और क्रिकेटर अभिषेक नायर ने बताया था कि कार्तिक का गेम बदलने के लिए उन्हें घर के ‘टॉर्चर रूम’ में रखा गया था।
नायर ने बताया कि साल 2016 में आईपीएल शुरू होने से पहले दिनेश कार्तिक को ‘हाउस ऑफ पेन’ में रखा गया था। दरअसल, कार्तिक का प्रदर्शन उन दिनों काफी निराशाजनक हो गया था, खराब प्रदर्शन से निराश इस बल्लेबाज ने खुद नायर से मदद मांगी थी, जिसके बाद नायर ने उनकी मदद करने का बेहद ही अनोखा रास्ता अपनाया।
नायर ने साल 2018 में इकॉनमिक टाइम्स से कहा था कि एक ऐसा पल जिसने मुझे और दिनेश को एकसाथ किया वह दो-तीन साल पुराना IPL ऑक्शन था। इस ऑक्शन के बाद कार्तिक खुश नहीं थे क्योंकि उन्हें बेहद कम दाम पर खरीदा गया था। उन्हें लगा कि उनका करियर ख़त्म हो गया है। 9 करोड़ में बिकने वाले खिलाड़ी को उस वक्त गुजरात लायन्स ने महज 2 करोड़ रुपए में खरीदा था। इसके अलावा उस वक्त रणजी में भी कार्तिक का प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा था।
ऐसे में नायर ने उनकी मदद की और उन्हें कम्फर्ट जोन से बाहर निकालने के लिए मुंबई में अपने घर में ‘टॉर्चर रूम’ बनवाया। कार्तिक ने जब नायर से मदद मांगी तब उन्होंने मुंबई में एक लोकल कोच अपूर्व देसाई से मुलाकात की और दिनेश के लिए रूटीन तैयार किया। कार्तिक को उस दौरान ना केवल टॉर्चर रूम में रहना पड़ा बल्कि उन्हें कठिन ट्रेनिंग भी करनी पड़ी।
यह कमरा बेहद ही छोटा था, शुरू होने के साथ ही खत्म हो जाता था। बाथरूम में शावर कभी काम करता तो कभी खराब हो जाता, बाल्टी और मग भी टूटे हुए दिए गए। इतना ही नहीं कार्तिक इस कमरे की साफ सफाई खुद करते थे।
नायर ने इस कमरे के बारे में बात करते हुए कहा, ‘कार्तिक के लिए यह एक टॉर्चर रूम जैसा था। उसे आरामदायक जिंदगी जीने की आदत थी। चेन्नई में वह बंगले में रहते थे, लेकिन जब वह मेरे पास आये तब मैं उन्हें ऐसे जोन में लेकर जाना चाहता था, जिससे वह अनजान थे। कार्तिक के लिए उस छोटे से कमरे में रहना काफी मुश्किल था और वह कई बार मेरे ऊपर गुस्सा भी करते थे। एक बार उन्हेंने मुझसे आग्रह किया कि मैं उसे होटल के कमरे में रहने दूं, लेकिन मैंने उसकी बात नहीं सुनी।’
नायर ने बताया, ‘दोपहर में हम कार्तिक को दो बार ट्रेनिंग देते थे। हम जिम करते थे, बल्लेबाजी का अभ्यास करते थे और कई बार मेडिटेशन भी करते थे। हम बल्लेबाजी की तकनीक पर ध्यान देते थे, जो तकनीक हमने उस वक्त फॉलो की थी, उसे कार्तिक आज भी इंटरनेशनल गेम में इस्तेमाल करते हैं।
नायर ने कार्तिक के साथ हजारों किलोमीटर तक सफर किया। देश भर के अलग-अलग मैदानों में गए। सैकड़ों युवा क्रिकेटर्स के साथ मिलकर प्रैक्टिस की। नायर ने ना केवल कार्तिक का गेम बदला, बल्कि उन्होंने ऐसा ही कुछ साल 2011 में बल्लेबाज रोहित शर्मा के लिए किया था। कार्तिक चाहते थे कि नायर वही प्लान जो शर्मा के लिए तैयार किया गया था, उन पर भी लागू करें, लेकिन उनके लिए नायर के पास अलग प्लान था।