रिंकू का आखिरी ओवर में एविन लुईस ने शानदार कैच पकड़ा और उन्हें पवेलियन का रास्ता दिखाया, अगर रिंकू आउट नहीं होते तो मुकाबले का नतीजा जरूर कोलकाता के पक्ष में होता। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से आने वाले रिंकु सिंह की कहानी में काफी स्ट्रगल है। उन्हें एक बार भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) ने बैन भी कर दिया था। रिंकू अलीगढ़ से हैं। उनके पिता गैस वैंडर हैं। बचपन से ही रिंकू को क्रिकेट बहुत पसंद था। लेकिन घर की माली हालत ठीक न होने के चलते उनके पिता नहीं चाहते थे कि वे इन सब में अपना समय खराब करें। इसके चलते कई बार रिंकू कि पिटाई भी होती थी।
घर-घर गैस पहुंचाते थे सिलिंडर –
लेकिन रिंकू के इरादे पक्के थे और उन्हें उनके भाइयों का साथ मिला। रिंकू आने पिता की मारजी के बिना क्रिकेट खेलते गए, एक टूर्नामेंट ऐसा भी आया जब रिंकू को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए इनाम के तौर पर मोटरसाइकिल मिली। जो उन्होंने अपने पिता को गिफ्ट दे दी। बस फिर क्या था पिता को भी लगा कि अलीगढ़ के कारोबारियों और कोठियों में गैस सिलिंडर पहुंचाने के सालों के काम में वे जिस मोटरसाइकिल को नहीं ख़रीद सके, वो बेटे के क्रिकेट से मिल गई। लिहाजा मार पिटाई तो बंद हो गई। लेकिन परिवार के सामने आर्थिक चुनौतियां बनी हुईं थीं।
घर खर्च चलाने के लिए रिंकू का काम करना भी जरूरी था। ऐसे में उन्होंने एक कोचिंग सेंटर में पोंछा लगाने का काम शुरू किया। वह सुबह-सुबह जाकर कोचिंग सेंटर में पोंछा लगाने लगे। लेकिन कुछ समय बाद वे परेशान हो गए और नौकरी छोड़ दी। वे पढ़ाई में भी अच्छे नहीं थे। ऐसे में उनके सामने सिर्फ क्रिकेट की एक विकल्प था।
बीसीसीआई ने लगाया बैन –
2019 में बीसीसीआई ने रिंकू सिंह को बैन भी किया था। दरअसल, उस दौरान उन्होंने बीसीसीआई की अनुमति के बिना अबू धाबी क्रिकेट के रमजान टी20 कप में हिस्सा लिया था। रिंकू के इस फैसले से नराज बीसीसीआई ने उन पर तीन महीने का बैन लगाया था।
पंजाब ने पहले खरीदा –
आईपीएल ऑक्शन में सबसे पहले 2017 में रिंकू को पंजाब किंग्स ने खरीदा था। लेकिन उन्हें यहां खेलने का मौका नहीं मिला। पंजाब ने उन्हें 10 लाख के बेस प्राइज़ पर लिया था। इसके बाद 2018 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें 80 लाख रुपए में लिया। इसके बाद से रिंकू टीम का हिस्सा हैं। मेगा ऑकशन में कोलकाता ने उन्हें 55 लाख रुपए में खरीदा था।