इस मैच में रसेल ने लगभग हारे हुए मैच का परिणाम अपनी टीम की ओर से मोड़ दिया। रसेल की बल्लेबाज़ी का ही जादू रहा कि केकेआर यह मैच पांच गेंद शेष रहते ही जीतने में कामयाब रही।
रसेल जब मैदान में उतरे तब उनकी टीम को जीत के लिए 18 गेंदों पर 55 रनों की दरकार थी। इस मुश्किल हालात में उन्होंने 13 गेंदों में ही 48 रन की विस्फोटक पारी खेलकर टीम को पांच विकेट से जीत दिला दी।
इस पारी के बारे में जब रसेल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी ताकत पर भरोसा है और उनके लिए दुनिया का कोई भी मैदान बड़ा नहीं है।
रसेल ने मैच के बाद कहा, “मुझे लगता है कि मेरे लिए कोई भी मैदान बड़ा नहीं है। मैं अपनी ताकत पर भरोसा करता हूं। लो फुलटॉस गेंदों के लिए हाथ और आंखों का अच्छा मेल अहम होता है क्योंकि उन्हें हिट करना आसान नहीं होता। मैं शॉर्ट आर्म खेलने की कोशिश करता हूं क्योंकि हाथ को ज्यादा बाहर निकालना आपको मुश्किल में डाल सकता है। इसे ज्यादा समझाया नहीं सकता, मैदान पर दिखाना ज्यादा पसंद करूंगा।”
रसेल ने आगे कहा, “जब मैं बल्लेबाज़ी करने उतरा तो आत्मविश्वास से भरा था। कार्तिक मुझसे कह रहे थे कि पिच का जायजा लेने के लिए एक-दो गेंद का समय ले लो। मैं डगआउट में बैठकर टीवी पर देख रहा था और मुझे अंदाजा था। ये हर रोज नहीं होता जब आपको करीब 20 गेंदों में 68 रनों की जरूरत होती हो। आपको अपना शरीर लाइन पर रखना होता है।”