मैच जीतने वाली टीम सीधे नहीं पहुंचेगी फाइनल में
यहां ये जानना भी आवश्यक है कि एलिमिनेटर जीतने वाली टीम सीधे फाइनल में नहीं पहुंचेगी बल्कि फाइनल के लिए एक कदम बढ़ाएगी। फाइनल खेलने के लिए SRH vs DC मैच के विजेता को पहले क्वालीफायर में हारने वाली टीम चेन्नई सुपर किंग्स ( Chennai Super Kings ) के खिलाफ जीत दर्ज करनी होगी।
दिल्ली कैपिटल्स:
आईपीएल के अन्य संस्करणों की तुलना में इस बार दिल्ली कैपिटल्स के प्रदर्शन में दिन रात का फर्क देखने को मिला है। इस सीजन में टीम ने बेहद दमदार प्रदर्शन किया है। शानदार खेल के बलबूते ही टीम पहली बार फाइनल में जाने से सिर्फ दो कदम दूर है। इसमें पहली रुकावट हैदराबाद है जो बीते वर्षो में लगातार दमदार खेल से खिताब की दावेदार के रूप में देखी जाती रही है।
दिल्ली के लिए अधिकतर खिलाड़ियों का प्लेऑफ में खेलने का अनुभव नहीं है, ऐसे में बड़े मैच में दबाव से दिल्ली को पहले निपटना होगा। टीम की सबसे अच्छी बात यह रही है कि टीम संतुलित है। बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी के अलावा फील्डिंग में टीम ने अच्छा किया है।
दिल्ली के लिए सलामी बल्लेबाज़ शिखर धवन ने निरंतरता दिखाते हुए खूब रन बटोरे हैं। धवन ऐसे खिलाड़ी हैं जो हैदराबाद के खिलाफ खिताब जीत चुके हैं। बड़े मैचों में उनका अनुभव और मौजूदा फॉर्म दिल्ली को मजबूत करेगी।
युवा बल्लेबाज़ पृथ्वी शॉ और ऋषभ पंत टुकड़ों में अच्छा कर रहे हैं। वहीं कप्तान श्रेयस अय्यर का बल्ला भी लगातार रन कर रहा है। इन सभी ने दिल्ली की बल्लेबाज़ी को मजबूत बनाया है तो वहीं कोलिन इनग्राम, क्रिस मौरिस और शेरफाने रदरफोर्ड ने अंतिम ओवरों में कई मौकों पर टीम को तेजी से रन बनाकर दिए हैं।
गेंदबाज़ी में कागिसो रबाडा का जाना दिल्ली के लिए बुरी खबर रही है। अपने आखिरी लीग मैचों में दिल्ली रबाडा के बिना उतरी थी। टीम के कोच रिकी पोंटिंग ने कहा था कि ट्रेंट बोल्ट में रबाडा की कमी पूरी करने की काबिलियत है।
परेशानी यह है कि बोल्ट शुरूआती ओवरों में कारगार साबित होते हैं लेकिन अंतिम ओवरों में वह कई बार राह भटक जाते हैं। दिल्ली के पास ईशांत शर्मा जैसा अनुभवी गेंदबाज़ भी है। स्पिन में अमित मिश्रा ने बेहतरीन किया है और दूसरे छोर पर संदीम लामिछाने उनका अच्छा साथ देने की काबिलियत रखते हैं।
सनराइजर्स हैदराबादः
बात सनराइजर्स हैदराबाद की करें तो मुश्किलें उसके सामने भी कम नहीं है। जॉनी बेयरस्टो और डेविड वार्नर की सालमी जोड़ी के जाने के बाद निश्चित तौर पर बल्लेबाज़ी कमजोर हुई है। रिद्धिमान साहा और मार्टिन गुप्टिल की नई जोड़ी ने कुछ हद तक इन दोनों की भरपाई करने की कोशिश की लेकिन इस लीग में ज्यादा मैच न खेलने की कमी बड़े मैच में दिक्कत दे सकती है।
कप्तान केन विलियम्सन और मनीष पांडे ने लीग के दूसरे हाफ में अपनी बल्लेबाज़ी का जौहर दिखाया है और मध्यक्रम में अगर यह दोनों चलते हैं तो पूर्व विजेता के लिए काफी चीजें आसान हो सकती हैं, लेकिन अगर विफल रहे तो नैया भी डूब सकती है।
गेंदबाज़ी में हैदराबाद के पास अच्छा संयोजन है। भुवनेश्वर कुमार बेशक इस सीज़न में निरंतर नहीं रहे हैं लेकिन उनकी काबिलियत किसी भी टीम को उन्हें हल्के में लेने की मंजूरी नहीं देती है। खलील अहमद ने बीते कुछ मैचों में दमदार प्रदर्शन किया है। वहीं राशिद खान के रूप में हैदराबाद के पास मजबूत गेंदबाज है और दूसरे छोर पर उनका साथ देने के लिए उन्हीं के हमवतन मोहम्मद नबी हैं।
सनराइजर्स हैदराबाद और दिल्ली कैपिटल्स जब-जब हुए आमने-सामनेः
कुल मैचः 14
हैदराबाद जीता- 9
दिल्ली जीती- 5
दिल्ली कैपिटल्स:
श्रेयस अय्यर (कप्तान), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), पृथ्वी शॉ, अमित मिश्रा, अवेश खान, राहुल तेवतिया, जयंत यादव, कॉलिन मुनरो, क्रिस मौरिस, संदीप लामिछाने, ट्रेंट बाउल्ट, शिखर धवन, हनुमा विहारी, अक्षर पटेल, ईशांत शर्मा, अंकुश बैंस, नाथू सिंह, कोलिन इंग्राम, शेरफेन रदरफोर्ड।
सनराइजर्स हैदराबाद:
केन विलियम्सन (कप्तान), भुवनेश्वर कुमार, अभिषेक शर्मा, खलील अहमद, रिकी भुई, बासिल थम्पी, श्रीवत्स गोस्वामी, मार्टिन गुप्टिल, दीपक हुड्डा, सिद्धार्थ कौल, मोहम्मद नबी, शहबाज नदीम, टी. नटराजन, मनीष पांडे, यूसुफ पठान, राशिद खान, रिद्धिमान साहा, संदीप शर्मा, विजय शंकर और बिली स्टानलेक।