जानकारी के अनुसार पिछले सप्ताह रेलवे ने इटारसी स्टेशन के 11 फूड स्टॉलों के लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर इन्हें बंद करा दिया था। 31 मार्च- 1 अप्रैल की मध्य रात्रि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर अचानक हुई इस कार्रवाई से बाकी फूड स्टॉलों में भी हड़कंप मच गया। हालॉकि इस कार्रवाई से करीबन 200 वेडंर भी प्रभावित हुए। इनकी रोजी- रोटी छीन गई।
रेलवे के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इन फूड स्टॉलों के ठेकेदार इस भरोसे में थे कि लाइसेंस एक्सटेसंन हो जाएगा। इन ठेकेदारों की लाइसेंस अवधि 2020 मेें ही पूरी हो गई थी, लेकिन कोरोना कॉल के चलते रेल प्रशासन ने इनको दो साल का एक्सटेंसन दे दिया। अब ये अवधि पूरी हो चुकी है।
खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को लेकर मिली शिकायतें
नई सीनियर डीसीएम प्रियंका दीक्षित ने आते ही पिछले सप्ताह इटारसी के 11 और भोपाल के एक को मिलाकर कुल 12 कैटरिंग ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। इनका ठेका नहीं बढ़ाया है। सूत्रों के अनुसार डीसीएम को इन ठेकेदारों के खिलाफ गुणवत्तापूर्ण खाना नहीं मिलने की शिकायतें यात्रियों से मिल चुकी है। दीक्षित ने स्पष्ट कहा कि यात्रियों को गड़बड़ खाना दोगे, तो स्टेशनों पर व्यवसाय नहीं करने देंगे। इसके बाद से खानपान ठेकेदारों में हड़कंप मचा हुआ है।
इन लोगों के खिलाफ आई शिकायतें
इटारसी स्टेशन के प्लेटफार्म एक पर सुरेश गोयल, सोपान सर्विस, प्लेटफार्म दो व तीन पर आरएन व्यास, एक्सप्रेस फूड, प्लेटफार्म चार और पांच पर सन साइन, एक्सप्रेस फूड, प्लेटफार्म छह और सात पर शुभम अवस्थी, एस सेल्स, एचडी एंड संस, कंचन फूड्स के दो स्टॉल के खिलाफ रेलवे को पांच से अधिक गंभीर शिकायतें मिली थी। सीनियर डीसीएम दीक्षित ने आते ही इनकी ठेका अवधि बढ़ाने से मना कर दिया है। यह अवधि 31 मार्च को खत्म हो रही थी जिसे बढ़ाया जाना था लेकिन नहीं बढ़ाई गई है।
बॉक्स- रेल मंत्री तक गई शिकायतें
सूत्रों ने बताया कि यात्रियों ने टिव्टर, फेस बुक आदि सोशल मीडिया के माध्यम से उपरोक्त फूड स्टॉलों के खिलाफ शिकायतें की थी, जिसकी जानकारी रेल मंत्री अश्विनी तक पहुंच रही थी। शिकायत में यात्रियों ने कहा था कि संबंधित स्टॉलों से उन्हें खराब भोजन मिला था, जिसे खाने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी।
वर्जन
इटारसी स्टेशन के 11 और भोपाल के एक फूड स्टॉलों को नए सिरे से ठेके देने रेल प्रशासन ने टेंडर जारी किया है। पुराने ठेकेदारों द्वारा खाद्य सामग्री की क्वालिटी स्तरीय नहीं देने की शिकायतें यात्रियों ने की थी। इस कारण उक्त ठेकेदारों का ठेका निरस्त कर दिया गया था।
- सुबेदार सिंह, पीआरओ, पमरे भोपाल मंडल।