इटारसी। प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों की संख्या बढ़ाई गई है। इन ट्रेनों की संख्या बढऩे से इटारसी जंक्शन पर श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों का दबाव बढ़ गया है। एक ट्रेन के जाते ही दूसरी श्रमिक ट्रेन आकर खड़ी हो रही है। रविवार को इटारसी जंक्शन पर करीब आधा सैंकड़ा श्रमिक ट्रेनें आईं जिनसे करीब ८० हजार मजदूर यहां पहुंचे। इन मजदूरों को कई घंटे के सफर के बाद यहां पर सिर्फ बिस्किट, ब्रेड और केले ही नसीब हुए। ————— ५0 ट्रेनों से निकले करीब 80 हजार मजदूर इटारसी जंक्शन पर भोपाल मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय से रविवार को श्रमिक एक्सप्रेस टे्रनें ज्यादा आने की सूचना थी। रविवार को सुबह से लेकर रात तक करीब ५० ट्रेनें गुजरीं। हर टे्रन में औसतन 1600 मजदूरों के हिसाब से करीब 80 हजार मजदूर इटारसी जंक्शन से रविवार को गुजरे। ——————— खाने के नाम पर बिस्किट-केला-ब्रेड श्रमिक एक्सप्रेस में मजदूर अपने परिवारों के साथ सफर कर रहे हैं। उनके साथ महिलाएं और छोटे बच्चे हैं। कई-कई घंटों के सफर के बावजूद उनके लिए खानपान की जो सुविधा होना चाहिए वह इटारसी स्टेशन पर नहीं हो पाई है। जंक्शन से अब हर श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन में बिस्किट-बे्रड और केले देकर उनकी भूख मिटाई जा रही है। परेशान मजदूर इन चीजों से ही अपना काम चलाने को मजबूर हैं। रविवार को सिंधी समाज द्वारा पानी-नमकीन और केले के 2४०० पैकेट स्टेशन प्रबंधन को सौंपे। —————- जलसेवा देने आ रहे केवल 15 लोग श्रमिक एक्सप्रेस टे्रनों के मजदूरों को जलसेवा देने के लिए विद्युत सामान्य, टीआरएस और टीआरडी विभाग से ही कुछ लोग आ रहे हैं। हर दिन इन विभागों के करीबन 15 लोग ही जलसेवा दे रहे हैं। रेलवे के अन्य विभागोंं के कर्मचारी-अधिकारी और कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने जलसेवा से कन्नी काट रखी है। डीआरएम की अपील के बावजूद जलसेवा करने रेलकर्मी आगे नहीं आ रहे हैं जिससे मौजूदा लोगों को थोड़ा परेशान होना पड़ रहा है। —————– इनका कहना है हम लोग कोल्हापुर से आ रहे हैं और बिहार जाना है। खाने के नाम पर हम लोगों को केले-बिस्किट और ब्रेड से ही काम चलाना पड़ रहा है। पानी के लिए इटारसी स्टेशन पर अच्छी व्यवस्था की है। राजकुमार, श्रमिक
रविवार को करीब 50 श्रमिक एक्सप्रेस जंक्शन से गुजरीं जिनमें करीब 80 हजार मजदूर थे। इन सभी को स्टेशन पर बिस्किट, ब्रेड, केले और पानी दिया गया है ताकि रास्ते में उन्हें परेशान नहीं होना पड़ा। बीएल मीना, डीसीआई इटारसी