मांदीखोह, चीपापुरा, नया झालई गांव की जमानी गांव से दूरी तीन किलोमीटर है। इन गांवों से मुख्य रास्ता डेढ़ किलोमीटर है। इस डेढ़ किलोमीटर में दलदल जैसी कीचड़ है। इस कच्ची सड़क पर एक-एक फीट पैर कीचड़ में गढ़ जाते हैं। ऐसे में बच्चों को मुख्य सड़क तक आने में घंटों लगते हैं।
इन गांवों से जमानी तक आने के लिए दो अन्य मार्ग हैं। एक बाबई से होते हुए और दूसरा तिलक सिंदूर से होते हुए। इन दोनों मार्गों के बीच खेत पड़ते है। खेतों के बीच से सड़क तक आने पर खेत मालिक लाठी लेकर दौड़ते हैं क्योंकि उनकी फसल खराब होती है। ऐसे में यहां से आना-जाना कम ही हो पाता है।
कीचड़ भरे रास्तों के कारण बच्चे बारिश के दिनों में स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं। हालात यह है कि इन चार महीने छात्र-छात्राएं स्कूल नहीं जाते हैं और पढ़ाई छोड़ देते हैं। इन गांवों के करन पिता पूरनलाल, दुर्गा पिता ब्रजलाल, गगन पिता राधेलाल और दशरथ ऐसे बच्चे हैं जो कीचड़ के कारण पढ़ाई छोड़ चुके हैं।
सिवनी मालवा विधायक सरताज सिंह के विधानसभा क्षेत्र में यह गांव आते हैं। मंगलवार को इत्तेफाक से जब विधायक सरताज सिंह अमाड़ा गांव संबल योजना के प्रमाणपत्र बांटने जा रहे थे तो ग्रामवासियों ने विधायक को रोक लिया और गांव जाने वाले इस रास्ते के हालात दिखाए। उन्होंने ग्रामवासियों को जल्द ही सड़क बनवाने का आश्वासन दिया है।
आजादी तो मिल गई लेकिन आज तक हम लोग कीचड़ से मुक्त नहीं हो पाए हैं। रोड नहीं बनी तो इस बार वोट भी नहीं देंगे।
बलदेव तेकाम, ग्रामवासी
कीचड़ के कारण गांव से निकलना भी मुश्किल हो रहा है। बारिश के मौसम में गांव के बाहर नहीं जा पाते हैं।
लक्ष्मी तुमराम, ग्रामवासी
रोज स्कूल आने में दिक्कत होती है। स्कूल में टीचर देरी से आने पर चिल्लाते हैं। कीचड़ में से आना पड़ता है।
अनुराधा तुमराम, स्कूली छात्रा
एक-एक फीट कीचड़ है। इस कीचड़ से होकर जब स्कूल आते हैं तो पूरी डे्रस गंदी हो जाती है। कुछ तो पढ़ाई छोड़ चुके हैं।
पूजा कुम्हरे, छात्रा
वंदना जाट, एसडीएम इटारसी