scriptकचरे से खाद बनाने का प्लांट बंद… | Closed plant to make compost from waste | Patrika News

कचरे से खाद बनाने का प्लांट बंद…

locationइटारसीPublished: Jul 13, 2018 09:34:32 pm

Submitted by:

Rahul Saran

-न्यास कॉलोनी बाइपास स्थित डंपिंग ग्राउंड पर बनना थी खाद

itarsi, nagarpalika, treching ground, waste management plant

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इटारसी। न्यास कॉलोनी स्थित बाइपास सड़क किनारे कचरे के पहाड़ से खाद बनाने का प्लांट बंद पड़ा है। नगरपालिका ने इंदौर की एक कंपनी से कचरे से खाद बनाने का अनुबंध किया था। यह प्लांट बस कुछ दिन ही चला और अब बंद पड़ा है। प्लांट की खाली जमीन पर बिखरे कचरे में अब जानवर मुंह मार रहे हैं। करीब 20 लाख रुपए कचरे में फूंककर नपा के जिम्मेदार भी चुप्पी साधकर बैठ गए हैं। पत्रिका ने शुक्रवार को जब टे्रचिंग ग्राउंड पर बने प्लांट को टटोला तो पता चला कि यह प्लांट बहुत दिनों से बंद होने का खुलासा हुआ।
यह है पूरा प्रोजेक्ट
इंदौर की फर्म और नपा के बीच हुए अनुबंध के मुताबिक 1000 रुपए प्रतिटन के हिसाब से कचरे का भुगतान नपा द्वारा किए जाने की बात तय हुई थी। कुल कचरे का 15 फीसदी खाद बनाई जाना थी। कचरे से जो खाद बनती उसे नपा कंपनी से 2000 रुपए प्रति टन यानी 2 रुपए प्रतिकिलो की दर से खरीदती और यदि इस खाद के बाहरी बाजार में अच्छे दाम मिलते तो वह खाद बाहर भी बेचने की नपा की योजना थी। इसमें 1 रुपए ५० पैसे प्रति किलो या 1500 रुपए प्रति टन की केंद्र सरकार की ओर से सब्सिडी भी मिलना तय हुआ था। 21 दिन में खाद को तैयार किए जाने की योजना थी।
गोरांग बॉयो केमिकल्स को दिया है काम
इंदौर की फर्म मैसर्स गोरांग बॉयो केमिकल्स ने नगरपालिका से शहर से निकलने वाले कचरे से खाद बनाने को लेकर कुछ महीने पहले चर्चा की थी। यह कंपनी खाद बनाने के मामले में अनुभव रखती है। कंपनी के प्रोजेक्ट को समझने के बाद नपा प्रशासन ने इस पर सहमति जताते हुए कंपनी से अनुबंध करने के लिए कहा था। इंदौर की इस कंपनी से 9 माह का अनुबंध किया था मगर यह प्लांट अभी बंद पड़ा है।
गेट पर ताला, पौधे भी उजड़े
जिस जगह पर यह ट्रेचिंग ग्राउंड बनाया गया था उसे विकसित करने के लिए नपा नेकरीब 20 लाख रुपए खर्च किए हैं। 10 लाख रुपए का टेंडर कंपनी को कचरे के निष्पादन और जैविक खाद तैयार करने के लिए दिया गया था। वहीं 10 लाख रुपए की राशि से करीब 2000 वर्गफुट में दूब बिछाई गई थी। मेनगेट पर पौधरोपण भी किया गया था मगर अब यहां ना पौधेरोपण बचा है और ना ही कैंपस के अंदर कोई काम हो रहा है। मेन गेट बंद पड़ा है और बाउंड्री के अंदर आवारा मवेशी घूम रहे हैं।
एक नजर में शहर
शहर में वार्ड- ३४
कुल जनसंख्या- करीब 1.२५ लाख
निकलने वाला कचरा- करीब ३५ ट्रॉली प्रतिदिन
कचरे का अनुमानित वजन- करीब ३० टन
वाहनों की संख्या- 20 ऑटो, 2 ट्रॉली, 1 डंपर
कर्मचारियों की संख्या- २८३
किसने क्या कहा
ट्रेचिंग ग्राउंड और कचरा निष्पादन प्लांट बनाने के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया है। प्लांट बनाने के लिए 20 लाख रुपए की राशि जनता की पसीने की कमाई थी जिसे बर्बाद किया गया है।
शैलेंद्र पाली, प्रवक्ता कांग्रेस होशंगाबाद विधानसभा
किसी ने कचरे में आग लगा दी थी जिसके कारण प्लांट की मशीन को नुकसान हो गया था। वह मशीन रिपेअर होने गई है। मशीन आने के बाद ही प्लांट चालू हो पाएगा।
राकेश जाधव, सभापति स्वास्थ्य विभाग नपा इटारसी
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