रेलवे कॉलोनी में रहने वाले अधिकारी कर्मचारियों के आवासों में पानी की सप्लाई ठेका कंपनी कर रही है। ठेका कंपनी द्वारा प्रतिदिन ७५ हजार लीटर पानी भट्टी और पथरौटा से लाकर रेलवे की पानी टंकियों में स्टोर करके सप्लाई किया जाता है। ठेकेदार ने प्राइवेट टैंकरों को हायर करके यह व्यवस्था की है। इतना पानी सप्लाई करने के बाद रेलवे आवासों में पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। रेलवे कर्मचारियों के अनुसार २४ घंटे में १० से २० ही नल चलते हैं।
रेलवे कॉलोनी में पानी के लिए १० नलकूप थे। इन नलकूपों से पानी की टंकी लोड की जाती थी। गर्मी में जलस्तर कम होने से १० में ६ नलकूप बंद हो चुके हैं जो ४ नलकूप चल रहे हैं उनकी धार भी कमजोर हो गई। ऐसे टंकी लोड होना मुश्किल हो रही है।
रेलवे पानी सप्लाई वाली पाइप लाइन बहुत पुरानी हो चुकी है। पुरानी पाइप लाइन में लीकेज हो चुके है। लीकेज पाइप लाइन में बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद हो रहा है। हालात यह है कि पानी गढ्डों से ओवरफ्लो होकर नालियों में बह रहा है हालांकि रेलवे के संबंधित विभाग ने पाइप लाइन मेंटनेंस को लेकर प्रोपजल भेजा है।
ठेकेदार भट्टी के गणेेश नगर से दो किसानों के खेतों के बोर से पानी ले रहा है। इसके लिए दो किलोमीटर की एक पाइप लाइन भी बिछाई जा रही है। ग्रामवासियों का कहना है कि भारी मात्रा में पानी सप्लाई से गांव का जलस्तर भी नीचे चला गया है। भट्टी सरपंच मंटू मर्सकोले ने इस संबंध में विधायक प्रेमशंकर वर्मा से इस पर रोक लगाने की मांग की है। इधर सांसद प्रतिनिधि सोनू दीक्षित का आरोप है कि स्थानीय रेलवे अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत हुई है। इस संंबंध में सांसद राव उदयप्रताप सिंह से शिकायत की गई है।
सुनील प्रजापति, डीएन