डिब्बों में बंद स्वास्थ्य विभाग की सीयूजी सिम..
इटारसीPublished: Aug 27, 2018 04:57:50 pm
-जिले में बांटी गईं थी करीब १४०० सिम
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इटारसी। जिले के ग्रामीण इलाकों में काम करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से सतत संपर्क में रहने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 5 साल पहले कॉमन यूजर ग्रुप सिस्टम के तहत सिमों का वितरण किया था। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को बांटी गईं सिमों में से कुछ सिमें बंदकर डिब्बों में पटक दी गई हैं तो कुछ सिमें मोबाइल सहित चोरी हो गई हैं। कुल मिलाकर कॉमन यूजर ग्रुप यानी सीयूजी सिमें चुनिंदा हाथों में ही सिमट कर रह गई हैं।
यह थी योजना
होशंगाबाद जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषण, गर्भवती महिलाओं, डेंगू, चिकनगुनिया सहित कई अन्य गंभीर मामलों की निगरानी के लिए आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगती है। यह कर्मचारी जिले के कई अंदरूनी इलाकों में ड्यूटी करने जाते हैं। इन कर्मचारियों से सतत संपर्क बना रहे इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने रेलवे की तर्ज पर सीयूजी सिम या कॉमन यूजर ग्रुप सिम देने का निर्णय लिया था जिसका पूरा खर्च स्वास्थ्य विभाग को उठाना था।
जिले में दी थीं करीब १४०० सिमें
स्वास्थ्य विभाग ने अपने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से सीधे कनेक्टिविटी के लिए भारत संचार निगम लिमिटेड यानी बीएसएनएल कंपनी से वर्ष 2013 में अनुबंध किया था। बीएसएनएल ने पूरे होशंगाबाद जिले की 7 तहसीलों के हिसाब से लगभग 1400 सिमों का आवंटन स्वास्थ्य विभाग को किया था। यह सिमें स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण इलाकों में तैनात आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम स्टाफ, सुपरवाइजरों को दी थीं।
पर्सनल से हो रहा काम
सीयूजी सिम मिलने के बाद करीब दो साल तक स्वास्थ्यकर्मियों ने उनका उपयोग किया मगर बाद में उन सिमों से उनका मोह भंग होने लगा। वर्तमान में स्थिति यह है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों के पास मौजूद अधिकांश सिमें डिब्बे में बंद पड़ी हैं। कर्मचारियों ने नेटवर्क नहीं मिलने सहित अन्य तरह की समस्याओं से परेशान होकर उनसे हाथ खींच रखे हैं। उनकी जगह अब कर्मचारी निजी नंबरों से ही फील्ड में काम कर रहे हैं।
यह भी जानना जरुरी
जिले का नाम- होशंगाबाद
जिले की आबादी- करीब 12 लाख 50 हजार
तहसीलों की संख्या-०७
आशा कार्यकर्ता संख्या- करीब 1200
एएनएम संख्या- करीब ४००
सुपरवाइजर संख्या- करीब ४०
किसने क्या कहा
अंदरूनी गांवों में नेटवर्क की समस्या आती है इसलिए हमने उस सिम की जगह खुद की सिम का ही उपयोग करना चालू कर दिया है।
रजनी (परिवर्तित नाम), आशा कार्यकर्ता
सीयूजी सिम के संबंध में पूरी जानकारी नहीं है। इस बारे में जानकारी लेने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
डॉ प्रमोद चतुर्वेदी,सीएमएचओ होशंगाबाद
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