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दो साल बाद भी अनियमितता करने वालों पर नहीं हुई कार्रवाई, जांच प्रतिवेदन को जिम्मेदारों ने दबाया..

locationइटारसीPublished: Feb 25, 2020 08:31:53 pm

Submitted by:

Rahul Saran

-तालाब सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट-4 पेज की रिपोर्ट सीएमओ को सौंपी गई थी

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इटारसी। भाजपाशासित नगरपालिका के कार्यकाल में शहर के तालाब के सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट में अनियमितता हुई थी। इसकी शिकायत वर्ष 2017 में हुई थी। इस शिकायत के बाद जांच समिति बनी थी जिसने वर्ष 2018 में अपनी जांच रिपोर्ट बनाकर नपा के जिम्मेदारों को सौंपी दी थी। दो साल का लंबा वक्त बीतने के बावजूद तालाब सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट में अनियमिततता करने वाले दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जांच प्रतिवेदन को नपा के जिम्मेदारों ने दबाकर रखा हुआ है।
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जांच रिपोर्ट में यह बताई थी गड़बड़ी
पहली गड़बड़ी- टेंडर राशि से ज्यादा भुगतान
-प्रोजेक्ट पर 79 लाख रु. की मंजूरी थी। तत्कालीन जांच समिति प्रभारी भारत वर्मा ने जांच रिपोर्ट में बताया था कि स्वीकार किए गए ड्राइंग डिजाइन से काम होता तो 85 लाख में काम पूरा हो जाता। प्रोजेक्ट का एस्टीमेट दोगुना हो गया। जांच के अनुसार टेंडर राशि से ज्यादा का भुगतान कर दिया गया है। इस काम पर 85 लाख रुपए का पेमेंट कर दिया।
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दूसरी गड़बड़ी-तालाब से पानी निकासी व मिट्टी खुदाई
तालाब से पानी निकालने में नपा की बिजली व मोटर का उपयोग किया गया। तालाब से निकली मिट्टी के परिवहन और लेबरों का रिकार्ड प्रोजेक्ट फाइल में नहीं मिला था। इस गड़बड़ी का भी जांच प्रतिवेदन में तथ्यात्मक उल्लेख किया गया था।
तीसरी गड़बड़ी-ड्राइंग-डिजाइन पर नहीं हुआ काम
समिति ने माना था कि प्रोजेक्ट की फाइल देखने पर खुलासा हुआ था कि तालाब का सौंदर्यीकरण तय डिजायन के अनुसार किया ही नहीं गया। इसके लिए तकनीकि विभाग को जिम्मेदार माना गया था। यह गलती भी सामने आई थी कि तालाब के सर्किल की ढलाननुमा दीवार को सपाट बनाने की गलती की गई। इसी के चलते पश्चिमी हिस्से की दीवार का एक हिस्सा ढह गया था। इस तरफ की दीवार की गुणवत्ता की तकनीकि जांच की अनुशंसा समिति ने की थी।
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यह थे जांच समिति में शामिल
शिकायत के बाद तालाब प्रोजेक्ट में जांच के लिए समिति बनी थी। उस समिति में तत्कालीन पार्षद यज्ञदत्त गौर, भारत वर्मा, अमृता ठाकुर, अरविंद चद्रवंशी व सब इंजीनियर संतोष बैस शामिल थे। जांच समिति ने 11 बिंदुओं पर पड़ताल की गई थी।
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जनवरी 2018 में दी थी जांच रिपोर्ट
जांच समिति ने जांच करने के बाद जो प्रतिवेदन सौंपा था उसमें पाई गई गड़बडिय़ों व दोषियों पर कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए जनवरी 2018 मेंं तत्कालीन सीएमओ को जांच प्रतिवेदन सौंपा था। दो साल का लंबा वक्त बीतने के बावजूद अब तक उसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई है और जिम्मेदार बिना किसी भय के घूम रहे हैं।
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इनका कहना है
हमने तालाब प्रोजेक्ट की अनियमितता की शिकायत की थी मगर स्थानीय प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। अभी हमने नए सीएमओ पूरे मामले से अवगत कराकर किसी भी तरह का भुगतान नहीं करने के लिए कहा है। साथ ही नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों को भी शिकायत देकर आए हैं। उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
वीरु अग्रवाल, शिकायतकर्ता
यह मामला हमारे समय का नहीं है इसलिए बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। इस संबंध में शिकायतकर्ता ने कुछ जानकारी जरुर दी है। इस बारे में जानकारी लेकर ही कुछ कह पाएंगे।
सीपी राय, सीएमओ इटारसी
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