तीसरी गड़बड़ी-ड्राइंग-डिजाइन पर नहीं हुआ काम
समिति ने माना था कि प्रोजेक्ट की फाइल देखने पर खुलासा हुआ था कि तालाब का सौंदर्यीकरण तय डिजायन के अनुसार किया ही नहीं गया। इसके लिए तकनीकि विभाग को जिम्मेदार माना गया था। यह गलती भी सामने आई थी कि तालाब के सर्किल की ढलाननुमा दीवार को सपाट बनाने की गलती की गई। इसी के चलते पश्चिमी हिस्से की दीवार का एक हिस्सा ढह गया था। इस तरफ की दीवार की गुणवत्ता की तकनीकि जांच की अनुशंसा समिति ने की थी।
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यह थे जांच समिति में शामिल
शिकायत के बाद तालाब प्रोजेक्ट में जांच के लिए समिति बनी थी। उस समिति में तत्कालीन पार्षद यज्ञदत्त गौर, भारत वर्मा, अमृता ठाकुर, अरविंद चद्रवंशी व सब इंजीनियर संतोष बैस शामिल थे। जांच समिति ने 11 बिंदुओं पर पड़ताल की गई थी।
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जनवरी 2018 में दी थी जांच रिपोर्ट
जांच समिति ने जांच करने के बाद जो प्रतिवेदन सौंपा था उसमें पाई गई गड़बडिय़ों व दोषियों पर कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए जनवरी 2018 मेंं तत्कालीन सीएमओ को जांच प्रतिवेदन सौंपा था। दो साल का लंबा वक्त बीतने के बावजूद अब तक उसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई है और जिम्मेदार बिना किसी भय के घूम रहे हैं।
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इनका कहना है
हमने तालाब प्रोजेक्ट की अनियमितता की शिकायत की थी मगर स्थानीय प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। अभी हमने नए सीएमओ पूरे मामले से अवगत कराकर किसी भी तरह का भुगतान नहीं करने के लिए कहा है। साथ ही नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों को भी शिकायत देकर आए हैं। उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
वीरु अग्रवाल, शिकायतकर्ता
समिति ने माना था कि प्रोजेक्ट की फाइल देखने पर खुलासा हुआ था कि तालाब का सौंदर्यीकरण तय डिजायन के अनुसार किया ही नहीं गया। इसके लिए तकनीकि विभाग को जिम्मेदार माना गया था। यह गलती भी सामने आई थी कि तालाब के सर्किल की ढलाननुमा दीवार को सपाट बनाने की गलती की गई। इसी के चलते पश्चिमी हिस्से की दीवार का एक हिस्सा ढह गया था। इस तरफ की दीवार की गुणवत्ता की तकनीकि जांच की अनुशंसा समिति ने की थी।
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यह थे जांच समिति में शामिल
शिकायत के बाद तालाब प्रोजेक्ट में जांच के लिए समिति बनी थी। उस समिति में तत्कालीन पार्षद यज्ञदत्त गौर, भारत वर्मा, अमृता ठाकुर, अरविंद चद्रवंशी व सब इंजीनियर संतोष बैस शामिल थे। जांच समिति ने 11 बिंदुओं पर पड़ताल की गई थी।
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जनवरी 2018 में दी थी जांच रिपोर्ट
जांच समिति ने जांच करने के बाद जो प्रतिवेदन सौंपा था उसमें पाई गई गड़बडिय़ों व दोषियों पर कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए जनवरी 2018 मेंं तत्कालीन सीएमओ को जांच प्रतिवेदन सौंपा था। दो साल का लंबा वक्त बीतने के बावजूद अब तक उसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई है और जिम्मेदार बिना किसी भय के घूम रहे हैं।
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इनका कहना है
हमने तालाब प्रोजेक्ट की अनियमितता की शिकायत की थी मगर स्थानीय प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। अभी हमने नए सीएमओ पूरे मामले से अवगत कराकर किसी भी तरह का भुगतान नहीं करने के लिए कहा है। साथ ही नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों को भी शिकायत देकर आए हैं। उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
वीरु अग्रवाल, शिकायतकर्ता
यह मामला हमारे समय का नहीं है इसलिए बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। इस संबंध में शिकायतकर्ता ने कुछ जानकारी जरुर दी है। इस बारे में जानकारी लेकर ही कुछ कह पाएंगे।
सीपी राय, सीएमओ इटारसी
सीपी राय, सीएमओ इटारसी