सोनतलाई से बागड़ा के बीच अभी तक सिंगल लाइन थी। यहां रेलवे लाइन का दोहरीकरण किया जा रहा है। दोहरीकरण के लिए रेलवे ने किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था। इसमें कोठा गांव के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई है वह ज्यादा मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।
करीब चार साल पहले २०१६ में रेलवे ने किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था। जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था उसमें भगवती बाई पति नर्मदाप्रसाद, किशोरी पिता मन्नूलाल, गिरजाबाई, बाबूलाल पिता टेकचंद, रमेश पिता राजाराम, मोहन किशोर पिता बद्रीप्रसाद, फूलाबाई, कोंदू फूलचंद, रामकेश अंतराम, सुखवती केसरी, नर्मदा राधेलाल, सुरेंद्र कुमार हाकम सिंह, ज्ञानेश कुमार पिता रामसिंह, देवेंद्र कुमार पिता हाकम ङ्क्षसह, योगेंद्र कुमार पिता हाकम सिंह, राम सिंह पिता गोरेलाल शामिल है। इन किसानों की ५.५६४ हैक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है।
किसानों ने बताया कि भूमि अधिग्रहण में गुमराह किया गया है। अधिग्रहण के पहले तत्कालीन एसडीएम टीना यादव गांव आईं थी। उन्होंने कहा था कि आपको सूचना दी जा रही है कि आपकी आखिर कितनी जमीन अधिग्रहण की जाएगी। उस समय गाइड लाइन पूछने पर उन्होंने १४ लाख रुपए हैक्टेयर बताया था तब तुरंत आपत्ति लगाई थी तो उन्होंने कहा कि केवल यह बताने आए हैं कि कितनी जमीन जाएगी और हम लोगों से हस्ताक्षर करा लिए थे। बाद में गए तो उन्होंने बताया कि जमीन अधिग्रहण कर ली गई है। हमने आपत्ति जताई तो यह कहकर कर दबाव बनाया कि यह पैमेंट ले लें नहीं तो पैमेंट लेप्स हो जाएगा। इसके बाद आए तो उन्होंने कहा कि पैमेंट लिया ही क्यों?
रजत मालवीय, पीडि़त किसान – हमारी मांग है कि गाइन लाइन से चार गुना मुआवजा दिया जाए। वैसे हमें गाइड लाइन से भी कम मुआवजा दिया गया है।
गायत्री बाई, पीडि़त
आरती मालवीय, पीडि़त – गाइड लाइन से चार गुना ज्यादा राशि मिलना चाहिए। यदि मांग के अनुसार मुआवजा नहीं दिया गया तो आंदोलन करेंगे।
सुरेंद्र कुमार, पीडि़त
हरेंद्र नारायण, एसडीएम इटारसी