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किसानों ने रोका रेलवे लाइन के दोहरीकरण का काम

locationइटारसीPublished: Mar 08, 2019 09:24:55 pm

Submitted by:

krishna rajput

किसानों का कहना है गाइड लाइन से भी कम दिया गया मुआवजा

Farmers stopped doubling of railway lines work, sontalai, khotha, itarsi

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इटारसी. सोनतलाई पंचायत के कोठा गांव के किसानों ने यहां चल रहे रेलवे लाइन के दोहरीकरण के काम को रोक दिया। नाराज किसान जहां काम चल रहा था वहां जमीन पर बैठ गए। किसानों प्रदर्शन करते हुए यहां चल रहे डंपरों को रोक दिया। करीब तीन घंटे तक किसान प्रदर्शन करते रहे है। किसानों ने रेलवे अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
किसानों के हंगामे की सूचना मिलने पर तवानगर और रामपुर का पुलिस बल पहुंच गए थे। बाद में पुलिस के साथ किसान और उनके परिजन एसडीएम दफ्तर पहुंचे। यहां किसानों ने एसडीएम हरेंद्र नारायण के समक्ष अपनी बात रखी।
सोनतलाई से बागड़ा तवा के बीच रेलवे लाइन का दोहरीकरण का काम चल रहा है। दोहरीकरण के लिए कोठा के किसानों की जमीन अधिग्रहण किया गया है। किसानों का कहना है कि हमें मुआवजा गाइड लाइन से भी कम दिया गया है। किसानों की मांग है कि गाइड लाइन से चार गुना मुआवजा दिया जाए।
– रेलवे ने क्यों किया अधिग्रहण
सोनतलाई से बागड़ा के बीच अभी तक सिंगल लाइन थी। यहां रेलवे लाइन का दोहरीकरण किया जा रहा है। दोहरीकरण के लिए रेलवे ने किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था। इसमें कोठा गांव के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई है वह ज्यादा मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।
– इन किसानोंं की अधिग्रहण की गई जमीन
करीब चार साल पहले २०१६ में रेलवे ने किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था। जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था उसमें भगवती बाई पति नर्मदाप्रसाद, किशोरी पिता मन्नूलाल, गिरजाबाई, बाबूलाल पिता टेकचंद, रमेश पिता राजाराम, मोहन किशोर पिता बद्रीप्रसाद, फूलाबाई, कोंदू फूलचंद, रामकेश अंतराम, सुखवती केसरी, नर्मदा राधेलाल, सुरेंद्र कुमार हाकम सिंह, ज्ञानेश कुमार पिता रामसिंह, देवेंद्र कुमार पिता हाकम ङ्क्षसह, योगेंद्र कुमार पिता हाकम सिंह, राम सिंह पिता गोरेलाल शामिल है। इन किसानों की ५.५६४ हैक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है।
– गुमराह करके किया गया अधिग्रहण
किसानों ने बताया कि भूमि अधिग्रहण में गुमराह किया गया है। अधिग्रहण के पहले तत्कालीन एसडीएम टीना यादव गांव आईं थी। उन्होंने कहा था कि आपको सूचना दी जा रही है कि आपकी आखिर कितनी जमीन अधिग्रहण की जाएगी। उस समय गाइड लाइन पूछने पर उन्होंने १४ लाख रुपए हैक्टेयर बताया था तब तुरंत आपत्ति लगाई थी तो उन्होंने कहा कि केवल यह बताने आए हैं कि कितनी जमीन जाएगी और हम लोगों से हस्ताक्षर करा लिए थे। बाद में गए तो उन्होंने बताया कि जमीन अधिग्रहण कर ली गई है। हमने आपत्ति जताई तो यह कहकर कर दबाव बनाया कि यह पैमेंट ले लें नहीं तो पैमेंट लेप्स हो जाएगा। इसके बाद आए तो उन्होंने कहा कि पैमेंट लिया ही क्यों?
– गुमराह करके जमीन का अधिग्रहण किया गया है। हमें ८ लाख रुपए हैक्टेयर मुआवजा दिया गया है जबकि यहां २३ लाख रुपए हैक्टेयर गाइड लाइन है।
रजत मालवीय, पीडि़त किसान

– हमारी मांग है कि गाइन लाइन से चार गुना मुआवजा दिया जाए। वैसे हमें गाइड लाइन से भी कम मुआवजा दिया गया है।
गायत्री बाई, पीडि़त
– सोनतलाई पंचायत में हमारा गांव आता है। इस पंचायत में जमीन की गाइड लाइन २३ लाख रुपए है तो हमें फिर क्यों इतना कम मुआवजा दिया गया।
आरती मालवीय, पीडि़त

– गाइड लाइन से चार गुना ज्यादा राशि मिलना चाहिए। यदि मांग के अनुसार मुआवजा नहीं दिया गया तो आंदोलन करेंगे।
सुरेंद्र कुमार, पीडि़त
– कानून हाथ में लीजिए और यदि किसी ने काम रोका तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में जो आवेदन दिए गए है उसे देखेंगे।
हरेंद्र नारायण, एसडीएम इटारसी

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