संघ के वरिष्ठ सदस्य राजेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि यात्रा बहुत ही कठिन है लेकिन हम सभी बाबा के भरोसे छोड़ देते हैं, जिससे यात्रा सरल हो जाती है। 56 साल से हम जा रहे हैं। बिना कोई व्यवधान के बाबा के आशीर्वाद से यात्रा सफल हो रही है।
दल में जा रहे युवा सदस्य उमंग बाबेजा बताते हैं कि हर बार यात्री पूरे उत्साह के साथ यात्रा करते हैं। संघ के यात्री न केवल यात्रा के दौरान एक दूसरे का ख्याल रखते, बल्कि हमेशा भाईचारा निभाते हैं। इस बार भी यात्रा को लेकर हम 70 साथियों में भरपूर उत्साह है। खास बात ये है कि इस यात्रा में युवा से लेकर बुजुर्ग तक के सदस्य शामिल है। बोल बम के जयकारों के साथ यात्री इटारसी से शुरू करते हैं और इन्हीं जयकारों के साथ 20 जुलाई को वैद्यनाथधाम पहुंचकर यात्रा पूरी करेंगे। यात्रा कठिन होने के बाद भी ये सदस्य हिम्मत नहीं हारते हैं।
बॉक्स - यात्रा से पुरी होती है मनोकामना
राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि संत अजगैबीनाथ ने भगवान शंकर की आराधना की थी। इसके बाद भगवान शंकर ने प्रकट होकर संत अजगैबीनाथ से कहा था कि जो भी सुल्तानगंज से उत्तरवाहिनी गंगा का जल लेकर जाएगा और मुझे अर्पित करेगा, उसकी हर मनोकामना पूरी होगी।
बॉक्स - 111 किलोमीटर करेंगे पैदल यात्रा
यात्रा में जा रहे सदस्यों ने बताया कि सुल्तानगंज से देवघर की 111 किलोमीटर की दूरी कंधे पर कावड़ लेकर पैदल पूरी करेंगे। इससे पहले इटारसी से ट्रेन से रवाना हुए ये यात्री पहले बनारस उतरेंगे। मंगलवार को यहां बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन करने के बाद ये सभी ट्रेन से सुल्तानगंज बिहार जाएंगे। यहां गंगा स्नान करने के बाद कावड़ लेकर पैदल यात्रा शुरू करेंगे। पैदल चलने के बाद सबसे पहला स्टॉप असरगंज मिलेगा, जहां रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन मनिया मोड़, जलेबियां, कटोरिया होते हुए झारखंड स्थित देवघर पहुंचते हैं। यहां गंगाजल भगवान बैजनाथ को अर्पित कर के दर्शन करेंगे। इसके बाद वापस इन्ही रास्तों से होकर इटारसी लौटेंगे।