निर्माणी बाजार परिसर में रविवार को जैसे ही छोटे एवं फुटकर दुकानदारों ने दुकान लगाई उनसे बाजार बैठकी किराया की वसूली की जाने लगी। इस बार बाजार बैठकी किराया दोगुना मांगा जा रहा था। इस बात पर दुकानदार भड़क गए। एकत्रित होकर दुकानदारों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। जब इस संबंध में दुकानदारों ने प्रशासनिक अधिकारी से बात करना चाहा तो उन्होंने जवाब दिया कि जिसको दुकान लगाना है लगाएं अन्यथा घर चला जाए।
– पहले और अब में दोगुना बढ़ाया किराया
जिस दुकानदार से १० रुपए लिया जाता था उससे अब २० रुपए की वसूली की जा रही है। २० के स्थान पर ५० और ५० के स्थान १०० रुपए किराया कर दिया गया है। इतना किराया देने में दुकानदार समर्थ नहीं है। उनका कहना है कि इतना किराया तो बड़े-बड़े शहरों में भी नहीं है। दुकानदारों ने यह भी बताया कि निर्धारित किराया से ज्यादा बाजार बैठकी वसूल की जाती है और रसीद निर्धारित किराए की जाती है।
जिस दुकानदार से १० रुपए लिया जाता था उससे अब २० रुपए की वसूली की जा रही है। २० के स्थान पर ५० और ५० के स्थान १०० रुपए किराया कर दिया गया है। इतना किराया देने में दुकानदार समर्थ नहीं है। उनका कहना है कि इतना किराया तो बड़े-बड़े शहरों में भी नहीं है। दुकानदारों ने यह भी बताया कि निर्धारित किराया से ज्यादा बाजार बैठकी वसूल की जाती है और रसीद निर्धारित किराए की जाती है।
– निर्धारित है सब्जी-फल के रेट
दुकानदारों ने बताया कि 2 वर्ष पहले भी बैठकी किराया बढ़ाया गया था। सबसे बड़ी समस्या यह है कि प्रशासन द्वारा सब्जी व फल सहित कुछ सामग्री के रेट तय कर दिए है। इस तय मूल्य के अनुसार ही सामग्री का विक्रय करना पड़ता है। इससे दुकानदारों को घाटा उठाना पड़ता है। सब्जी, फल व अन्य सामग्री बेचने वाले गांव और शहरों से आते हैं और जो सामान लाते हैं उसका भाड़ा भी देना पड़ता है। इससे लागत ज्यादा हो जाती और कम रेट पर फल सब्जी बेचना पड़ता है। दुकानदारों ने कहा कि हमारी मांगे नहीं सुनी गई तो हम आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
दुकानदारों ने बताया कि 2 वर्ष पहले भी बैठकी किराया बढ़ाया गया था। सबसे बड़ी समस्या यह है कि प्रशासन द्वारा सब्जी व फल सहित कुछ सामग्री के रेट तय कर दिए है। इस तय मूल्य के अनुसार ही सामग्री का विक्रय करना पड़ता है। इससे दुकानदारों को घाटा उठाना पड़ता है। सब्जी, फल व अन्य सामग्री बेचने वाले गांव और शहरों से आते हैं और जो सामान लाते हैं उसका भाड़ा भी देना पड़ता है। इससे लागत ज्यादा हो जाती और कम रेट पर फल सब्जी बेचना पड़ता है। दुकानदारों ने कहा कि हमारी मांगे नहीं सुनी गई तो हम आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
– सक्षम अधिकारी के समक्ष रखेंगे समस्या
दुकानदारों की समस्या सुनते ही यहां जनपद सदस्य अजय महालहा एवं सरपंच पवन ठाकुर बाजार पहुंचे। दुकानदारों ने उनके समक्ष सारी बातें रखी। महालहा ने दुकानदारों को मनाकर बाजार शुरू करा दिया। उन्होंने कहा कि यह बात सक्षम अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के सामने रखी जाएगी और समस्या को सुझलाने का प्रयास किया जाएगा।
दुकानदारों की समस्या सुनते ही यहां जनपद सदस्य अजय महालहा एवं सरपंच पवन ठाकुर बाजार पहुंचे। दुकानदारों ने उनके समक्ष सारी बातें रखी। महालहा ने दुकानदारों को मनाकर बाजार शुरू करा दिया। उन्होंने कहा कि यह बात सक्षम अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के सामने रखी जाएगी और समस्या को सुझलाने का प्रयास किया जाएगा।
– किराया डबल कर दिया है। लाने ले जाने का किराया और खरीदी के बाद बैठकी किराया इतना देंगे तो कुछ भी नहीं बचेगा।
राधा बाई, दुकानदार – दुकानों के लगने का स्थान एक ही है लेकिन सबका किराया अलग-अलग कर दिया गया है और किराया भी दोगुना लिया जा रहा है।
शंकरलाल, दुकानदार
राधा बाई, दुकानदार – दुकानों के लगने का स्थान एक ही है लेकिन सबका किराया अलग-अलग कर दिया गया है और किराया भी दोगुना लिया जा रहा है।
शंकरलाल, दुकानदार
-तीन महीने पहले टेंडर की दुकान वालों को परेशान किया गया। अब प्रशासन बाजार के छोटे-छोटे दुकानदारों से मनमानी कर रहा है। नियम के अनुसार हर साल २५ से ५० प्रतिशत बाजार बैठकी किराया ही बढ़ाया जा सकता है।
अजय महालहा, जनपद सदस्य
अजय महालहा, जनपद सदस्य
– यह निर्णय अधिकारियों की कमेटी में लिया जाता है। कमेटी ने ही किराया रिवाइज किया है। ज्यादा किराया लेकर रसीद कम की देने की जो शिकायत है उसकी जांच की जाएगी लेकिन तय किराया देना होगा क्योंकि यह कमेटी का निर्णय है।
बीएस ठाकुर, मार्केट इंचार्ज आयुध निर्माणी
बीएस ठाकुर, मार्केट इंचार्ज आयुध निर्माणी