नाना की हरकतों से परेशान होकर 14 जून २०17 को दोनों पीडि़ता घर छोड़कर चली गईं। दोनों बालिकाओं के साथ उनकी छोटी बहन भी घर से चली गयी थी। तीनों बहनें रेल्वे स्टेशन इटारसी से ट्रेन में बैठकर भोपाल पहुंचीं। भोपाल स्टेशन पर तीनों रेल्वे चाइल्ड लाइन की टीम को मिली। यहां काउंसिलिंग में दो पीडि़त बालिकाओं ने बताया कि उनके नाना के द्वारा लैंगिक शोषण करता था। टीम के द्वारा बाल कल्याण समिति भोपाल को प्रतिवेदन भेजने के बाद बाल कल्याण समिति ने तीनों बालिकाओं का मेडिकल जेपी अस्पताल भोपाल में कराया। इसके बाद समिति ने महिला थाना जहांगीराबाद भोपाल को एक लिखित आवेदन कार्रवाई के लिए दिया। इसके आधार पर महिला थाना भोपाल में रिपोर्ट दर्ज की गयी। इस मामले में इटारसी पुलिस ने मामले की जांच की।
आरोपी को नाबालिग नातिनों के साथ किए गए अपराध के लिए धारा 376(2)(एफ)(आई)(एन) भादवि एवं धारा 6 पासको अधिनियम के तहत 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास से एवं 500-500 रुपए अर्थदंड से दण्डित किया। जान से मारने की धमकी दिए जाने पर धारा 506 भादवि के तहत दो वर्ष के सश्रम कारावास एवं 200 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई।