scriptनहीं मिला स्रोत, फाइल में सिमटा नल-जल प्रोजेक्ट | Not found source, file in the Simeta tap-water project | Patrika News

नहीं मिला स्रोत, फाइल में सिमटा नल-जल प्रोजेक्ट

locationइटारसीPublished: Sep 26, 2018 03:54:41 pm

Submitted by:

Rahul Saran

-ग्राम सोनासांवरी के हजारों लोगों को सुविधा का इंतजार

water problem

The regular employee of the PHE contractor,

इटारसी। शहरी सीमा से सटे ग्राम सोनासांवरी में करीब 10 महीने पहले पाइप लाइन बिछाकर लोगों को उनके घरों में ही पानी के लिए कनेक्शन देने की योजना बनी थी। योजना पर टेस्टिंग के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा खोदे गए दोनों ट्यूबवेलों में जलस्रोत की कमजोरी ने प्रोजेक्ट को आगे नहीं बढऩे दिया। इसका असर यह हुआ है कि ग्राम पंचायत सोनासांवरी का प्रस्तावित नल-जल प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया है और लोग अब भी पुराने संसाधनों से ही पानी लेने को मजबूर हैं।
यह है पूरा प्रोजेक्ट
मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजना के तहत सुविधा दे ग्राम पंचायत सोनासांवरी में पानी के स्रोत को देखा जाना है। मजबूत जल स्रोत मिलने के बाद पूरे गांव में पाइप लाइन बिछाने, ट्यूबवेल खनन और ओवरहेड टेंक बनाने जैसे कामों को शामिल कर डीपीआर बनाने की योजना बनाई गई थी। पीएचई विभाग के मुताबिक हर ब्लॉक में से ८ पंचायतों को चुना गया था। मौजूदा स्थिति में हर ब्लॉक में प्रथम चरण 4-4 पंचायतों में योजना की स्वीकृति हो गई है यानी कुल २८ नल-जल योजनाएं स्वीकृत हो गई हैं। जिनमें से कुछ में काम चालू हो गया है और कुछ में जल्द ही होने वाला है।
ईल्ड टेस्ट में फेल हुई जगह
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने नल-जल योजना पर कदम आगे बढ़ाते हुए करीब 8 महीने पहले ग्राम पंचायत सोनासांवरी में दो जगहों पर ट्यूबेवल खनन कराए हैं मगर वहां पर पानी की कमी सामने आई है। इस जगह को पीएचई विभाग ने ईल्ड टेस्ट पर खरा नहीं उतरने से रिजेक्ट कर दिया है। विभाग का मानना है कि जलस्रोत ईल्ड टैस्ट पर खरा उतरना चाहिए तब ही आगे की डीपीआर पर बात बढ़ सकेगी। दोनों ही जगहों पर ईल्ड टेस्ट के मुताबिक पानी नहीं होने से यह योजना फिलहाल ठंडे बस्ते में चली गई है।
हजार आबादी, एक दर्जन हैंडपंप
शहरी क्षेत्र का अंग बन चुकी ग्राम पंचायत सोनासांवरी की आबादी करीब २५०० है। इस गांव में लोगों के लिए पानी सुविधा के नाम पर करीब १० से 12 हैंडपंप हैं जो चालू हालत में हैं। करीब आधा दर्जन हैंडपंप सूखने की बात ग्रामीण कह रहे हैं। इस इलाके में बोरिंग भी ७५ से 80 फुट तक ही होती है जिससे गर्मी में हैंडपंप व जेटपंप सभी सूख जाते हैं जिससे लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ता है। यह नल-जल योजना ग्रामीणों के लिए एक उम्मीद बनकर आई थी मगर जल स्रोत की कमजोरी के कारण फिलहाल विभाग ने इसे ठंडे में बस्ते में डाल रखा है। विभाग नवंबर के बाद दोबारा गांव में मजबूत जलस्रोत का सर्वे कराने की बात कह रहा है लेकिन जलस्रोतों के हालात नल-जल योजना में अड़चन बनते दिख रहे हैं।
किसने क्या कहा
करीब आठ माह पहले हमने सोनासांवरी पंचायत के लिए प्रस्ताव दिया था। इस गांव के लिए नल-जल योजना बहुत जरुरी है क्योंकि गांव में गर्मी में जलस्तर गिरने से पानी मिलना मुश्किल हो जाता है। पीएचई विभाग ही यह पूरा काम देख रहा है इसलिए योजना का क्या अपडेट है कुछ भी जानकारी नहीं है।
प्रीति पटेल, सरपंच ग्राम पंचायत सोनासांवरी
सोनासांवरी में दो जगह ट्यूबवेल कराए थे मगर वहां जलस्रोत ईल्ड टेस्ट के मुताबिक नहीं मिले हैं इसलिए फिलहाल योजना पर काम आगे बढ़ाना संभव नहीं हैं। हम नवंबर के बाद एक बार और सर्वे कराएंगे और प्रयास करेंगे कि मजबूत जलस्रोत की कोई अच्छी जगह मिल जाए। अगर मजबूत जलस्रोत मिला तो ही योजना मूर्तरूप ले सकेगी।
संजीव गुप्ता, कार्यपालन यंत्री पीएचई होशंगाबाद
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