scriptअब आरपीएफ के साथी खोलेंगे ट्रेनों में वारदातों के राज | Now RPF partners will open the rallies of trains in trains | Patrika News

अब आरपीएफ के साथी खोलेंगे ट्रेनों में वारदातों के राज

locationइटारसीPublished: May 21, 2019 03:34:02 pm

Submitted by:

rajendra parihar

आरपीएफ ने साथी अभियान के लिए जारी किए निर्देश , ट्रेक से लगे गांव में बनेंगे वालेंटियर

 Now RPF partners will open the rallies of trains in trains

अब आरपीएफ के साथी खोलेंगे ट्रेनों में वारदातों के राज

इटारसी. ट्रेनों में बढ़ रही लूट की वारदातों से निपटने के लिए आरपीएफ नया प्लान लेकर आई है। योजना के तहत आरपीएफ जल्द ही साथ अभियान शुरू करेगा। इस अभियान के तहत रेलवे ट्रेक के ०५ किमी के दायरे में बसे गांव में कुछ युवाओं को वालेंटियर के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इन युवाओं को आरपीएफ आईकार्ड भी जारी करेगा। इन युवाओं को अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी दिए जाएंगे जिससे वे किसी भी घटना के संबंध में जानकारी साझा कर सके। अभियान के तहत रेलवे ट्रेक के पास बसे गांवों में सर्वे शुरू किया जाएगा। इस सर्वे में गांव के सरपंच सहित अन्य जागरुक युवाओं की जानकारी एकत्रित की जाएगी।
स्थानीय लोगों की भूमिका होती है महत्वर्पूण
ट्रेनों में होने वाली वारदातों के संबंध में जानकारी जुटाने में स्थानीय लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पिछली कुछ वारदातों में भी आरपीएफ ने स्थानीय लोगों से ही पूछताछ की थी। हालांकि पहली बार पुलिस के स्थानीय लोगों से चर्चा करने पर लोग आरपीएफ को सपोर्ट नहीं करते हैं। ऐसी स्थिति में आरपीएफ के ये वालेंटियर जानकारी की तहकीकात करने में आरपीएफ की मदद करेंगे।
ट्रेनों में नहीं चलती गार्ड
आरपीएफ भले ही साथी अभियान चलाकर वारदातों के आरोपियों को पकडऩे की बात कह रही हो लेकिन हकीकत यह कि आरपीएफ के पास पर्याप्त बल ही नहीं है। यही कारण है कि अधिकतर ट्रेनों में गार्ड चलना ही बंद हो गई है। ट्रेनों में गार्ड मौजूद नहीं रहने का फायदा आसामाजिक तत्व भी उठाते हैं। आरपीएफ को साथी अभियान के साथ ही बल बढ़ाकर ट्रेनों में गार्ड की भी व्यवस्था करना चाहिए।
पुरानी वरदातों में भी नहीं हुआ खुलासा
साल की शुरूआत से ट्रेनों में लूट की 03 वारदात हो चुकी हैं। वारदात होने के बाद भी आरपीएफ के हाथ अब तक ााली है। जंक्शन पर टे्रनों के साथ ही यात्रियों की अधिक आवाजाही होने से सुरक्षा बलों को कार्रवाई करने में परेशानी होती है। साथ ही चारों दिशाओं से आने वाली ट्रेन में कहां के लोगों ने वारदात को अंजाम दिया है इसका पता लगाने में भी समय लग जाता है।
पहले भी हो चुकी हैं वारदात
31 जनवरी- बिलासपुर से अमृतसर जा रही छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में को बरसाली स्टेशन के पास में अज्ञात लोगों ने चैन पुलिंग कर यात्रियों के साथ में लूट का प्रयास किया था। यात्रियों द्वारा बोगी का दरवाजा नहीं खोलने के कारण लूटेरों ने ट्रेन पर पथराव किया था। इस दौरान ट्रेन करीब 20 मिनट तक बरसाली स्टेशन पर रूकी रही थी।
01 फरवरी- सोनतलाई और गुर्रा के बीच 12791 दानापुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस में लूट की वारदात हुई थी। हादसे में पीडि़त बिहार निवासी भास्कर शर्मा से लुटेरों ने ट्रेन के बी४ कोच में लूटपाट की गई थी। लूट के दौरान अपराधियों ने यात्री भास्कर के हाथ में चाकू मारकर सोने की एक चेन, दो अंगूठी, दो कंगन के साथ कुछ नकदी ले गए थे।
04 मई- रात करीब ढ़ाई बजे पवारखेड़ा के पास सिग्नल को लाल कर दिल्ली से त्रिवेंद्रम जा रही 12626 केरला एक्सप्रेस में लूट की वारदात को अंजाम दिया था। इस दौरान लुटेरों ने पहले सिग्नल को लाल किया ट्रेन के रूकते ही एस 03 में कोच में सवार महिला यात्री के गले से सोने की चेन लूट ली थी। वहीं पीछे आ रही 11078 झेलम एक्सप्रेस पर भी पथराव किया था।
इनका कहना है
ट्रेनों में होने वाली वारदातों के आरोपियों की धरपकड़ में यात्रियों और स्थानीय लोगों की भूमिका रहती है। साथी अभियान के तहत ट्रेक के पास बसे गांव में ग्रामीणों को वालेंटियर के रूप में तैयार किया जाएगा।
डीपी सिंह, एसआई, आरपीएफ
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो