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जिस आउटर पर हुईं ट्रेन मेंं लूटपाट की घटनाएं, उसी जगह रेलवे के जिम्मेदारों ने अंधेरे में 4 घंटे रोकी टे्रन

locationहोशंगाबादPublished: Feb 18, 2020 07:54:59 pm

Submitted by:

Rahul Saran

-रात में ढाई बजे से सुबह पौने सात बजे तक आउटर पर अंधेरे में खड़ी रही ट्रेन, -दहशत में रहे ट्रेन यात्री…

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इटारसी। अमरावती से जबलपुर जाने वाली ट्रेन को सोमवार-मंगलवार की रात ढाई बजे से मंगलवार सुबह पौने 7 बजे तक आउटर पर अंधेरे में रेलवे ने असुरक्षित जगह खड़ा रखा। यह वही आउटर है जहां पर पहले भी कई ट्रेनों में चोरी, लूटपाट और चेन स्नेचिंग जैसी घटनाएं हो चुकी हैं बावजूद उसके रेलवे के ऑपरेटिंग विभाग ने यात्रियों की सुरक्षा को ताक पर रखकर अंधेरे में ट्रेन को भगवान भरोसे खड़ा कर दिया। अंधेेरे में असुरक्षित जगह टे्रन को करीब सवा 4 घंटे खड़े रखने से यात्रियों में दहशत बनी रही। चोरी और लूटपाट के डर से ट्रेन के यात्री सो नहीं पाए। इस ट्रेन को प्लेटफॉर्म खाली नहीं होने का तर्क देकर रेलवे के अफसरों ने असुरक्षित ढंग से अंधेरे में खड़ा कराय था। बावजूद उसके इस ट्रेन को मंगलवार सुबह साढ़े 10 बजे तक प्लेटफॉर्म पर ही रोके रखा गया जिससे हजारों यात्री परेशान होते रहे।
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यह है मामला
अमरावती से जबलपुर जा रही ट्रेन अमरावती-जबलपुर एक्सप्रेस रात करीब ढाई बजे नागपुर आउटर पर जब पहुंची तो उसे आगे जाने के लिए सिग्नल नहीं था। एक बार ट्रेन रुकने के बाद वह सुबह ६.४५ बजे तक वहीं खड़ी रही। दरअसल इस ट्रेन को प्लेटफॉर्म पर लेने के लिए जगह नहीं थी इसी वजह से रेलवे ने ट्रेन को आउटर पर उस जगह खड़ा कर दिया था जहां ना तो बिजली की व्यवस्था थी और ना ही चाय-पानी की। नागपुर आउटर पर कई बार हो चुकी आपराधिक घटनाओं की जानकारी होने के बावजूद रेलवे के ऑपरेटिंग विभाग ने हजारों यात्रियों की सुरक्षा को ताक पर रखकर टे्रन को अंधेरे में ही करीब सवा 4 घंटे खड़ा रखा।
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प्लेटफॉर्म पर आने के बाद भी नहीं चली ट्रेन
इस ट्रेन को सुबह करीब सात बजे प्लेटफॉर्म नंबर ४ पर लिया गया। यात्री सोच रहे थे कि जल्द ही टे्रन रवाना होगी मगर ट्रेन को फिर से करीब साढ़े 3 घंटे के लिए सुबह १०.३० बजे तक खड़ा रखा गया क्योंकि सोनतलाई के पास ब्लॉक के चलते काम हो रहा था।
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ब्लाक बढऩे से बनी परेशानी
इटारसी-जबलपुर रेलखंड पर सोनतलाई और बागरातवा रेलवे स्टेशनों के मध्य रेल लाइन दोहरीकरण का कार्य चल रहा है। इंटरलॉकिंग कार्य के चलते यहां काम के लिए रेलवे ने 16 एवं 17 फरवरी को दो दिन का ब्लॉक लिया था जिससे अनेक ट्रेनों के या तो रूट बदले गये थे या फिर उनको रद्द किया था। 17 फरवरी की शाम को रेल जनसंपर्क अधिकारी ने एक दिन का ब्लॉक 18 फरवरी के लिए बढ़ाने की जानकारी दी थी। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या दूसरे डिवीजनों को यह खबर नहीं थी। यदि थी तो अमरावती से आने वाली ट्रेन को वहां से अन्य रूट से जबलपुर क्यों नहीं भेजा गया?
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किसने क्या कहा
ट्रेन को रात को ढाई बजे से आउटर पर रोके रखा था। सुबह 7 बजे प्लेटफार्म पर ट्रेन को लाया गया और यहां भी सुबह साढ़े दस बजे तक परेशान होते रहे। कोई बताने को तैयार नहीं था कि ट्रेन कब रवाना होगी।
मुरारीलाल यादव, यात्री जबलपुर
रेलवे का रवैया गैर जिम्मेदाराना है। देर रात असुरक्षित जगह ट्रेन रोकने से यदि कोई घटना हो जाती तो उसका जिम्मेदार कौन होता।
नरेश कुमार, यात्री नरसिंहपुर

हम अभी कार्यालय से बाहर हैं। कार्यालय पहुंचने के बाद ही हम इस संबंध में कुछ बता पाएंगे।
राजीव चौहान, स्टेशन प्रबंधक इटारसी
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