किसानों को यूरिया नहीं मिलने से परेशानी बढ़ती जा रही है। यूरिया नहीं मिलने से फसल प्रभावित हो सकती है। क्योंकि यूरिया बोवनी के बाद पानी के साथ दिया जाता है जिससे फसल में बढोतरी हो सके।
किसानों ने बताया कि बोवनी किए हुए २५ दिन हो चुके है। अब पानी के साथ यूरिया देने जरूरी है नहीं तो फसल बढ़ नहीं पाएगी।
किसानों ने बताया कि बोवनी के २० दिनों के बाद पानी के साथ यूरिया दिया जाता है। कृषक बाबू चौधरी ने बताया कि बोवनी हुए २० दिन से ज्यादा हो चुके हैं ऐसे में समय निकलता है। समय पर यूरिया नहीं डाला तो फसल प्रभावित होगी। जिन किसानों ने सूखी बोवनी की थी उन्हें १४ दिनों में यूरिया देना था लेकिन अभी उन्हें भी यूरिया नहीं मिला है।
किसानों को शुरुआत में खाद ११०० रुपए बोरी के आसपास मिला था लेकिन नया स्टॉक आने पर १४४० रुपए की बोरी मिल रही है। जागरुक किसान केशव साहू ने कहा कि फसल के दामों पर ६ प्रतिशत की बढोतरी और उर्वरक पर ३५ से प्रतिशत से ज्यादा की बढोतरी की जा रही है। ऐसे में किसान कर्जदार नहीं होगा तो क्या होगा।
जमानी सोसाइटी- १०० टन
गौची तरोंदा सोसाइटी – १०० टन
पथरौटा सोसाइटी – १०० टन
सोनतालाई सोसाइटी – १०० टन
बिछुआ सोसाइटी – १०० टन
कालाआखर सोसाइटी – ५० टन
केसला सोसाइटी – ५० टन