इटारसी से ट्रेन मिलने की थी उम्मीद
यशवंतपुर से दिल्ली की ओर एक खाली ट्रेन का रैक जा रहा था। यशवंतपुर स्टेशन पर फंसे यह सभी युवक उस रैक में चढ़ गए। उन्हें इस बात की उम्मीद थी कि इटारसी से उन्हें उनके घर बीना और झांसी जाने के लिए कोई ना कोई ट्रेन जरुर मिल जाएगी। उक्त खाली रैक के जबलपुर जाने से युवकों को सुबह 8:45 बजे इटारसी स्टेशन पर उतरना पड़ा मगर यहां उतरने के बाद वे फंस गए थे
यशवंतपुर स्टेशन पर यह सभी युवक पिछले दो तीन दिन से फंसे हुए थे। यह सभी युवक अलग-अलग ट्रेनों के पेंट्रीकार में काम करने वाले बताए गए हैं। ट्रेनों का संचालन रुकने के बाद इतनी बड़ी संख्या में उक्त सभी कर्मचारी वहां फंस गए थे। इतने दिनों तक वहां पर जनसहयोग से मिल रहे भोजन-पानी से उनका काम चल
रहा था।
रेलवे अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने तत्काल ही स्टेशन पर पहुंचकर उनमें कोरोना संक्रमण व तापमान की जांच की। सुकून की बात रही कि किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं मिले फिर भी उन्हें एहतियात एक-दूसरे दूरी बनाने के लिए कहा गया। इसके बाद रेलवे ने उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था कराई। यशवंतपुर से यहां आए युवकों का अब इटारसी से बीना-झांसी तक जाना आसान नहीं होगा। इन युवकों को बीना और झांसी तक भेजने के लिए फिलहाल कोई ट्रेन नहीं है। अब युवकों को तब भेजा जा सकेगा जब इस रूट पर कोई खाली रैक जाएगा। उसके साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति भी जरुरी होगी। इन हालातों में उक्त युवकों इटारसी स्टेशन पर ही रहने मजबूर होना पड़ेगा।