scriptपांच साल में ३ बार भेजा प्रस्ताव, हाईकोर्ट ले चुका है जानकारी, अब स्वीकृति का इंतजार | Proposal sent 3 times in five years, High Court has taken information, | Patrika News

पांच साल में ३ बार भेजा प्रस्ताव, हाईकोर्ट ले चुका है जानकारी, अब स्वीकृति का इंतजार

locationइटारसीPublished: Jan 10, 2020 08:23:43 pm

Submitted by:

Rahul Saran

-छोटे अपराधों के पक्षकारों की हो रही फजीहज-रेलवे जंक्शन की जरुरत की अनदेखी

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इटारसी। भारतीय रेलवे के प्रमुख रेल जंक्शनों में शुमार इटारसी जंक्शन पर रेलवे कोर्ट की बड़ी जरुरत है। पांच साल में तीन बार इटारसी में रेलवे कोर्ट का प्रस्ताव पूरे तथ्यों के साथ भेजा जा चुका है बावजूद उसके रेलवे कोर्ट की स्वीकृति नहीं हो पा रही है। हाईकोर्ट को यहां की पूरी स्थिति से अवगत कराया जा चुका है। शासन भी इसमें गंभीरता नहीं दिखा रहा है। रेलवे कोर्ट नहीं होने से हजारों लोगों को भोपाल के डग नापने परेशान होना पड़ रहा है।
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5 साल में भेजे तीन प्रस्ताव
इटारसी बार एसोसिएशन ने वर्ष 2014 में रेलवे कोर्ट का प्रस्ताव केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था। इसके अलावा डीआरएम कार्यालय भोपाल और जीएम कार्यालय जबलपुर भी यह प्रस्ताव भेजकर इटारसी में रेलवे कोर्ट की मांग रखी थी। उसके बाद वर्ष 2017 और 2018 में हाईकोर्ट को भी भेजा गया था। ५ साल का लंबा वक्त बीतने के बावजूद अब तक मामला अधर में है। इस बीच हाईकोर्ट को यहां रेलवे कोर्ट की जरुरत से बार एसोसिएशन की तरफ अवगत भी कराया जा चुका है मगर हाईकोर्ट की तरफ से अब तक स्वीकृति नहीं हुई है।
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कहां-कहां हैं रेलवे कोर्ट
भुसावल मंडल में खंडवा स्टेशन पर।
भोपाल मंडल में भोपाल स्टेशन पर।
जबलपुर मंडल में जबलपुर स्टेशन पर।
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छोटी गलती की यह फजीहत
– इटारसी का यदि कोई व्यक्ति पकड़ाता है तो उसे 90 किमी दूर भोपाल जाना पड़ेगा। इसमें उसके ३ से ४ घंटे खराब होंगे।
– पिपरिया का कोई व्यक्ति यदि इटारसी में पकड़ाता है तो उसे भोपाल ले जाएगा। उसे कोर्ट से वापस आने से लेकर पिपरिया तक पहुंचने में करीब 8 घंटे खराब हो जाएंगे।
– हरदा में आरपीएफ द्वारा किसी को पकड़ा जाता है तो उसे भी कोर्ट पेश करने के लिए खंडवा या भोपाल ले जाना पड़ता है। इसमें करीब 5 घंटे का समय आरोपी के परिजनों का खराब होता है।
-आमला में कोई प्रकरण बनने पर उसे भी भोपाल ही ले जाना मजबूरी है।
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यह हैं अपराध की श्रेणियां
-पटरी पार करना।
– महिला कोच में यात्रा।
– विकलांग कोच में यात्रा।
– अवैध वेंडरिंग।
– नो पार्किंग जोन का उल्लंघन।
– कचरा व गंदगी करना।
– रेल संपत्ति की चोरी करना।
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प्रयास कर रहे हैं
इटारसी में रेलवे कोर्ट के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। कोर्ट की स्वीकृति हो जाती है तो हम बार रूम भी उपलब्ध कराने को तैयार हैं। इससे हजारों आम लोगों को बड़ी राहत होगी।
पारस जैन, सचिव बार एसोसिएशन इटारसी
प्रयास करेंगे
यह बात सही है कि इटारसी में रेलवे कोर्ट की नितांत आवश्यकता है। हम इस प्रस्ताव को केंद्र से स्वीकृति दिलाने का प्रयास करेंगे ताकि लोगों की परेशानी कम हो सके।
राव उदयप्रताप सिंह, सांसद होशंगाबाद
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