scriptगणवेश सिलाई के राशि के भुगतान पर रोका लगाने का लाया प्रस्ताव | Proposal to stop payment of uniform stitching | Patrika News

गणवेश सिलाई के राशि के भुगतान पर रोका लगाने का लाया प्रस्ताव

locationइटारसीPublished: Jan 12, 2019 10:40:56 am

Submitted by:

krishna rajput

विधायक प्रतिनिधि के हस्ताक्षेप को रोकने का उठाया मुद्दा

Meeting in Janpad Panchayat, ceo, kesla, Proposal to stop payment of uniform stitching, kesla, nulm kesla, itarsi

Meeting in Janpad Panchayat, ceo, kesla, Proposal to stop payment of uniform stitching, kesla, nulm kesla, itarsi

इटारसी. जनपद पंचायत केसला में साधारण सभा की बैठक में जनपद सदस्यों ने पत्रिका में प्रकाशित गणवेश सिलाई और कला मंडल का मामला उठाया। ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा गणवेश सिलाई में अनियमितता और लापरवाही हुई है। इसके अलावा कला मंडल को भजन सामग्री के वितरण में भी बंदरबांट की गई है। जनपद सदस्यों ने कहा कि गणवेश सिलाई का जो भुगतान उसे रोका जाए।
बैठक में अध्यक्ष गनपत उइके, सीईओ उपाध्यक्ष सुनील चौधरी, जनपद सदस्य अजय महालहा, मनोज गुलबांके, कैलाश बड़कुर, धर्मेंद्र पालीवाल, फागराम, ममता चौरे, सांसद प्रतिनिधि सोनू दीक्षित मौजूद थे।
यह मुद्दे उठाए
– पत्रिका ने ग्रामीण अजीविका मिशन के तहत गणवेश सिलाई की खबर में जो गड़बड़ी हो रही है उसे प्राथमिकता से उठाया था। पत्रिका समाचार पत्र को दिखाते हुए अजय महालहा ने कहा कि इसमें लापरवाही और भ्रष्टाचार हुआ है। इस मामले में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए इसके साथ ही भुगतान पर भी रोक लगाया। इस संबंध में प्रस्ताव लाया गया।
– विकासखंड की सभी ४९ ग्राम पंचायतों में एक-एक मंडली को २५- २५ हजार रुपए की सामग्री दी जाना थी। कला मंडल की भजन सामग्री के लिए ग्राम पंचायत जिन मंडलों के नाम दिए थे उन्हें नहीं दिया गया बल्कि उन्हें दे दिया गया जो कलामंडल ही नहीं चलाते हैं।
– जनपद सदस्यों ने इस बात भी एतराज जताया पूर्व विधायक सरताज सिंह के प्रतिनिधि अशोक साहू का जनपद पंचायत में हर मामले में हस्तक्षेप है इसे रोका जाएगा।
– पिछले दिनों वनकमियों द्वारा महिलाओं से मारपीट हुई थी। जनपद सदस्यों वन विभाग कर्मचारियों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया।
– जलसंकट को देखते हुए तालाब एवं कुओं के गहरीकरण का मुदद फागराम ने उठाया।
– एकीकृत आदिवासी परियोजना के तहत वर्मी कंपोस्ट के २०० हिताग्राहियों का चयन हुआ था। इसमें ५४ लाख रुपए के वर्मी कंपोस्ट बनना था जो नहीं बनाए गए हैं।
– नर्सरी स्थापना में २०० हितग्राहियों का चयन हुआ था इन हितग्राहियों को ६० लाख आवंटित हुए थे लेकिन नर्सरी स्थापित नहीं की गई है। इस मामले में अधिकारियों ने कहा कि कहा कि डिजीटल प्रमाणपत्र नहीं थे इसलिए लाभ नहीं दे पाए।
– ३७ लाख की नल जल योजना का काम होना था जो आज तक नहीं हुआ है।
– एकीकृत आदिवासी परियोजना में २ करोड़ ६६ लाख के काम होना है धरातल पर काम नहीं दिख रहे हैं इसका विरोध अजय महालहा, मनोज गुलबांके ने किया ।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो