बरखेड़ा से इटारसी तक 92 किमी थर्ड लाइन और पवारखेड़ा से इटारसी (जुझारपुर) तक बायपास ट्रैक बन रहा है। थर्ड लाइन और बायपास ट्रैक से रेल यातायात बेहतर होने सहित नर्मदापुरम विकास पथ पर अग्रसर होगा। टनल-5 पर लाइनिंग का काम पूरा किया गया है। बरखेड़ा से इटारसी तक बन रही थर्ड लाइन का काम मार्च 202३ तक पूरा होगा। घाट सेक्शन में 5 सुरंगें, 13 प्रमुख पुल और 49 छोटे पुल हैं।
20 अंडरपास, वन्यजीवों के लिए 60 डैम भी
वन्य जीव संरक्षण के लिए इस लाइन पर 5 ओवरपास, 20 अंडरपास, वन्य जीवों को पानी पीने के लिए 6 डैम का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा एक जल भंडार जिस पर सौर ऊर्जा से संचालित बोरवेल रेलवे द्वारा लगाया गया है। टनल निर्माण में अंदर इनवर्ट सफाई, पीसीसी, नोफाइन कांक्रीट, 115 मिमी व्यास वाले सेंट्रल ड्रेन, 160 मिमी व्यास के साइड ड्रेन एवं निचले हिस्से में आरसीसी के उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री से निर्माण किया जा रहा है।
परियोजना 1 - पवारखेड़ा-इटारसी बायपास डाउन ट्रैक
लागत - 100 करोड़ रुपए
लंबाई - 11.३50 किमी
बड़े ब्रिज - 02
छोटे ब्रिज- 09, अंडरब्रिज -09
इन गांवों में जमीन अधिग्रहित- जुझारपुर, बोरतलाई, मेहरागांव, गौंचीतरौंदा, साकेत, ब्यावरा, देहरी।
परियोजना 2 - पवारखेड़ा-जुझारपुर बायपास अप ट्रैक
लागत - 250 करोड़ रुपए
लंबाई - 15 किमी
बड़े ब्रिज - 02
छोटे ब्रिज - 18
इन गांवों में जमीन अधिग्रहित- रैसलपुर, सोनासांवरी, इटारसी, घाटली, पथरौटा, देहरी, जुझारपुर।
घाट सेक्शन में बन रही टनल
टनल -1 : लंबाई 1080 मीटर
टनल-2 : लंबाई 200 मीटर
टनल-३ : लम्बाई 200 मीटर
टनल-4 : लम्बाई 140 मीटर
टनल -5 : लंबाई 5३0 मीटर
सबसे चुनौतीपूर्ण रही 5 नंबर टनल
वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधक विजय प्रकाश ने बताया कि इन सभी टनलों में सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य टनल-5 की 5३0 मीटर डबल ट्रैक का निर्माण रहा। जिसमें 500 मीटर वक्रीय कार्य और 14.4 मीटर चौड़ाई का कार्य बिना किसी त्रुटि के पूर्ण किया गया। टनल 4 एवं 5 में एक वन्यजीव अभयारण्य है। जिसमें पर्यावरण संरक्षण के नियमों का पालन किया गया है।
बायपास ट्रैक से फायदे
भोपाल से नागपुर की तरफ आने और जाने वाली सभी थ्रू ट्रेनों को इसी ट्रैक से चलाया जाएगा। इसके अलावा मालगाडिय़ों को भी सीधे इसी ट्रैक से चलाया जाएगा। जिसका सबसे ज्यादा फायदा इटारसी स्टेशन को होगा। स्टेशन पर आने वाली थ्रू ट्रेनों का दबाव कम होगा। इससे ट्रेनों को आउटर पर रोकने की समस्या खत्म होगी।

बरखेड़ा-बुदनी घाट सेक्शन में निर्माणाधीन टनल-05 पर लाइनिंग का काम हर तरह से पूरा हो गया है। यानी इनवर्ट लाइनिंग और ओवर्ट लाइनिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। इस खंड में निर्माणाधीन 5 सुरंगों में से यह पहली सुरंग है, जिसमें सभी तरह से लाइनिंग पूरी की गई है। बैलास्ट लेस ट्रैक का कार्य प्रगति पर है। सुरंग की कुल लंबाई 5३4 मीटर है। क्रॉस-सेक्शन 118-125 वर्गमीटर के बीच है। यह एक डबल ट्रैक (लाइन) सुरंग है। आमतौर पर रेलवे में इस प्रकार के बड़े क्रॉस-सेक्शन की रेल सुरंगों का निर्माण नहीं किया जाता है। न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग पद्धति तकनीक से खुदाई में 1३.2 मीटर व्यास, घोड़े की नाल के आकार की सुरंग बनाई गई।
भोपाल-इटारसी रेल खण्ड में तीसरी लाइन के निर्माण कार्य में रानी कमलापति-बरखेड़ा 41.42 किमी, बरखेड़ा-बुदनी 26.5 किमी एवं बुदनी-इटारसी 25 किमी का कार्य रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) कर रही है। बरखेड़ा से बुदनी (घाट सेक्शन) के मध्य निर्माणाधीन 26.50 किलोमीटर रेल लाइन तिहरीकरण खंड के निर्माण कार्य में तेजी आई है। जिसमें से रानी कमलापति से बरखेड़ा और बुदनी से इटारसी के बीच तीसरी लाइन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। बरखेड़ा से बुदनी का निर्माण कार्य प्रगतिशील है।
नर्मदापुरम और इटारसी के बीच रेलवे दो बायपास बना रही है। पवारखेड़ा से खेड़ा होते हुए जुझारपुर तक बनाया जा रहा बायपास ट्रैक का काम जून 2022 तक पूरा करने का दावा किया जा रहा है। ज्ञात हो कि रेल बजट 2021-22 में इटारसी पवारखेड़ा से जुझारपुर तक 15 किमी बायपास अप ट्रैक बनाया जा रहा है।