विगत 28 मार्च से चल रहे संघर्ष सप्ताह के अंतर्गत वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव के नेतृत्व में नई पेंशन स्कीम के खिलाफ युवाओं में आक्रोश को देखकर संघर्ष सप्ताह मनाया जा रहा था। इसके समापन पर यूनियन ने वाहन रैली निकाली। जोकि डीजल शेड से स्टेशन आरक्षण कार्यालय तक रैली निकाली।
क्यों हो रहा एनपीएस का विरोध? देश भर के करोड़ों सरकारी कार्मिकों का संगठन ‘नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम’ नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के विरोध में और पुरानी पेंशन लागू करवाने के लिए यों तो सालों से आंदोलन कर रहा है लेकिन अहम चुनावों के दौरान यह खास तौर पर ध्यान खींचने लगता है। तब कई राजनीतिक पार्टियां भी पुरानी पेंशन योजना लागू करने के वादे करती हैं। हालांकि चुनाव खत्म होते-होते वे इन वादों को भूल भी जाती हैं और फिर वही ढाक के तीन पात।
इस रैली में रेलकर्मी रेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। इन युवाओं के साथ टीके गौतम, केके शुक्ला, मनोज रैकवार, प्रीतम तिवारी, प्रदीप मालवीय, तरुण शुक्ला, राजू यादव, तोसिफ खान, उमेश निगम, दीपक कुमार, दुष्यंत, रविकांत, रजत पंवार आदि उपस्थित रहे।
एनपीएस वापस लेने बनाते रहेंगे दबाव
मंडल अध्यक्ष गौतम न कहा कि एनपीएस के खिलाफ लाल झंडा यूनियन का लगातार रेल प्रशासन पर दबाव और आने वाले टाइम में संसद का घेराव किया जाएगा। मंच संचालन युवा महामंत्री प्रीतम तिवारी ने किया। सभा में दीपा मेहरा, विद्या दास एवं दीपक शर्मा आदि महिला कर्मी भी उपस्थित रही।