नगर पालिका के राजस्व विभाग में दोपहर करीब १ बजे रिटायर्ड अधिकारी अरुण चौधरी बैठे हुए थे। चौधरी राजस्व विभाग के कर्मचारियों की कुर्सी पर बैठकर नोटशीट पर आवेदन लिख रहे थे। जब उनसे इस संबंध में पूछा कि आप तो रिटायर्ड हैं और नोटशीट का उपयोग कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि मुझे ५० हजार रुपए नगर पालिका से लेना है उसका आवेदन बना रहा है। कागज नहीं मिला तो नोटशीट के कागज पर लिख रहा हूं। इतना बोलने के बाद चौधरी फिर से अपने काम में लग गए।
– कौन है अरुण चौधरी
अरुण चौधरी नगर पालिका में अधीक्षक पद से रिटायर्ड हुए हैं। कार्यालय का पद सीएमओ के बाद दूसरे नंबर का सबसे बड़ा पद होता है। इस पद से रिटायर्ड होने के बाद भी चौधरी नोटशीट जैसे सरकारी दस्तावेज की गंभीरता को नहीं समझ रहे थे। इससे भी बड़ी बात यह है कि उन्हें यह सरकारी कागज किसने और क्यों दे दिया। नोटशीट एक सरकारी दस्तावेज होता है। सरकारी दफ्तरों में नोटशीट लगाए बगैर एक कागज इधर से उधर नहीं होता कोई फाइल आगे नहीं बढ़ सकती।
अरुण चौधरी नगर पालिका में अधीक्षक पद से रिटायर्ड हुए हैं। कार्यालय का पद सीएमओ के बाद दूसरे नंबर का सबसे बड़ा पद होता है। इस पद से रिटायर्ड होने के बाद भी चौधरी नोटशीट जैसे सरकारी दस्तावेज की गंभीरता को नहीं समझ रहे थे। इससे भी बड़ी बात यह है कि उन्हें यह सरकारी कागज किसने और क्यों दे दिया। नोटशीट एक सरकारी दस्तावेज होता है। सरकारी दफ्तरों में नोटशीट लगाए बगैर एक कागज इधर से उधर नहीं होता कोई फाइल आगे नहीं बढ़ सकती।
सरकारी दस्तावेज का इस तरह यदि कोई इस्तेमाल करता है तो उसके खिलाफ अपराध दर्ज हो सकता है। इस मामले में सीएमओ की ओर से पहल की गई तो रिटायर्ड अफसर और नोटशीट देने वाले कर्मचारी के खिलाफ अपराध भी दर्ज हो सकता है।