– बुजुर्ग महिला किसान लगा रही चक्कर
मांगरोल की एक बुजुर्ग महिला किसान कमला बाई ने द्वारकाधीश ट्रेडिंग कंपनी को धान का विक्रय किया था। धान ६६९६९ रुपए की बिकी थी। फसल का विक्रय २७ दिसंबर को किया गया था। २० दिनों तक बुजुर्ग किसान महिला को भुगतान नहीं किया गया।
आरी के किसान द्वारकाप्रसाद साहू को भी विलंब से भुगतान किया गया था। १३ दिसंबर को किसान ने ३० क्विंटल धान बेची थी इसका ७३ हजार रुपए भुगतान था जो २९ दिसंबर तक नहीं किया गया था। इसकी शिकायत किसान ने की थी।
किसान को फसल विक्रय करने के बाद यदि भुगतान समय पर नहीं होता है तो ५ दिन में मंडी प्रबंधन को शिकायत कर सकता है। शिकायत करने पर फर्म द्वारा किसान को मूल रकम के साथ प्रतिदिन १ प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करना पड़ेगा।
किसान जब भुगतान लेने के लिए जाता है तो व्यापारिक फर्म द्वारा उसे किसी तरह मनाकर टाल दिया जाता है। इसी दौरान शिकायत करने का समय निकल जाता है और फिर किसान को लगातार टाला जाता है। एक और चालाकी की जाती है कि शिकायत होने पर फर्म द्वारा किसान को नगद भुगतान कर दिया जाता है जिससे यह बात पता नहीं चल पाए की किसान को कितना लेट भुगतान किया गया है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के केशव साहू ने बताया कि आज तक किसी भी फर्म ने विलंब होने पर एक प्रतिशत ब्याज का भुगतान नहीं किया गया है। किसानों को चक्कर कटवाए जाते हैं और फिर बाद में शिकायत होने पर नगद भुगतान कर दिया जाता है। विलंब होने पर फर्म को मूल रकम पर प्रतिदिन १ प्रतिशत ब्याज देना पड़ेगा अब इसके लिए लड़ाई लड़ी जाएगी।
सवाल – फर्म खरीदी करने के बाद समय पर भुगतान नहीं करती ?
जवाब- किसानों को यदि भुगतान समय पर नहीं हो रहा है तो उसे शिकायत करना चाहिए।
सवाल- विलंब होने पर कभी किसी को एक प्रतिशत ब्याज दर से भुगतान किया गया है ?
जवाब- हां कुछ फर्मों ने किया है। दरअसल किसान सीधे-साधे होते हैं और अपना मूल भुगतान लेकर चले जाते हैं उनके द्वारा ब्याज के लिए दावा नहीं किया जाता।
सवाल- भुगतान लेट पर होने पर किसी पर कार्रवाई की गई है?
जवाब- साक्षी ट्रेडर्स का लाइसेंस रद्द किया गया था। इसके अलावा बाबा रामदेव एवरग्रीन पर प्रतिबंध लगाया गया था। महिला किसान के मामले में द्वारकाधीश ट्रेडिंग फर्म को नोटिस जारी किया जाएगा।