शासकीय कन्या महाविद्यालय में दूर-दराज के क्षेत्रों से छात्राएं पढऩे आती है। इन छात्राओं के लिए ट्रेजरी के पीछे ७५६.७७ वर्ग मीटर जमीन पर गल्र्स हॉस्टल बन गया है। यूजीसी से स्वीकृत ८० लाख रुपए से यह हॉस्टल बन रहा है अभी इसमें ७२ लाख रुपए प्राप्त हुए हैं। भवन बनकर तैयार है लेकिन इसमें ओपन टेरिस पर जाली लगने के अलावा, रेलिंग और बाउंड्रीवॉल बनना बाकी है। बाउंड्रीवॉल का काम पीयूआई को करना है।
फिलहाल जो छात्रावास भवन बना है उसमें टेरिस ओपन है। कॉलेज प्रबंधन को इस बात का डर है ओपन टेरिस से कूदकर कोई भी अंदर आ सकता है। छात्राओं का मामला है इसलिए खतरा मोल नहीं लिया जा सकता इसलिए प्रबंधन का कहना है कि टेरिस को जाली से कवर्ड किया जाए।
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के अनुसार ७२ लाख रुपए दिए गए थे। इस राशि उपयोग कर जितना भवन बनना था उतना बना दिया है। अब बाकी का काम करने के लिए कॉलेज प्रबंधन राशि ही नहीं दे रहा। बाकी राशि ८ लाख रुपए और उपलब्ध कराई जाए तो अतिरिक्त काम हो जाएगा।
जहां अभी गल्र्स कॉलेज की बिल्डिंग है वह सुधार न्यास की जगह थी। यहां सुधार न्यास का जो भवन था पहले उसमें महिला बाल विकास द्वारा वर्किंग वूमेन्स के लिए कोई गतिविधियां शुरू करना था जो शुरू नहीं हो पाई बाद में एमजीएम कॉलेज ने इसे किराए पर लिया। जब एमजीएम कॉलेज ने यहां से अपनी किराएदारी खत्म की इसके बाद बड़े भवन को ध्वस्त कर दिया गया है और यहां से उसकी नींव की ईंट तक चोरी करके ले गए। अब यह भवन बना है यदि ध्यान नहीं दिया तो इसका भी ऐसा ही हश्र हो सकता है।
डॉ. कुमकुम जैन, प्राचार्य शासकीय कन्या महाविद्यालय
अनिल कुमार महालहा, एसडीओ पीडब्ल्यूडी