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खेतों में खड़ी फसल खतरे में-आचार संहिता के बाद प्रशासन विचार करेगा कैसे आगजनी से बचाएं फसल

locationइटारसीPublished: Mar 15, 2019 12:19:30 pm

Submitted by:

krishna rajput

जिला पंचायत में लाया गया था प्रस्तावपंचायतों के टैंकरों को फायर टैंकर में किया जा सकता है तब्दील

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इटारसी. गेहूं की फसल पक चुकी है और इन दिनों में आमतौर पर आगजनी की घटनाएं होती है। इसकी शुरुआत पिछले दिनों तीखड़ से हो चुकी है। इधर प्रशासन बिल्कुल तैयार नहीं है और ऐसे में खड़ी फसलों पर खतरा मंडरा रहा है। जबकि अभी भी प्रशासन पहल करे तो किसानों को संभावित नुकसान से बचाया जा सकता है।
जिला पंचायत में सदस्यों ने पिछले साल एक प्रस्ताव लिया था। इस प्रस्ताव में खेतों में लगने वाली आग से फसल बचाने के लिए सुझाव दिए गए थे। इसमें पंचायतों के पानी के टैंकरों को फायर टैंकर बनाने की योजना थी लेकिन यह प्रस्ताव फाइल में दबकर रह गया है और एक साल बीतने के फिर पूरे जिले के किसान उसी खतरे के मुहाने पर खड़े हैं।
ऐसे बन सकते है फायर टैंकर
हर पंचायतों में एक-एक टैंकर है। इन टैंकरों में पंप लगा दिया जाए और फायर पाइप सहित अन्य जरूरी संसाधन लगा दिए जाए तो पानी के टैंकर फायर टैंकर की तरह काम करेंगे। करीब ४५ हजार रुपए खर्च करके पानी के टैंकर को फायर टैंकर बनाया जा सकता है।
– ये मिलेगी मदद
जब भी खेत की खड़ी फसल में आग लगती है तो वह तेजी से फैलती है। ऐसे में खेतों की आग बुझाने के लिए आसपास के शहरों से नगर पालिका की फायर बिग्रेड बुलाई जाती है जिसे आगजनी स्थल तक पहुंचने में आधा घंटे से ज्यादा लग जाते है जब तक खेतों में बड़ा नुकसान हो जाता है। यदि पंचायतों में फायर टैंकर होंगे तो तुरंत आग पर काबू पाया जा सकेगा।
– शार्ट सर्किट से लगती है आग
अधिकांश खेतों में आग बिजली के तारों में हुए शार्ट सर्किट से लगती है। इसके लिए प्रशासन अभी से एहतियात बरते तो नुकसान को रोका जा सकता है। किसानों के अनुसार सुबह ९ से शाम ५ बजे तक खेत फीडर की बिजली सप्लाई बंद रखी जाए तो आगजनी की घटना काफी हद तक रुक सकती है।
– पानी के टैंकरों को फायर टैंकर बनाने का प्रस्ताव लाया गया था लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया और फिर से वहीं समय सामने आ गया है। जिला प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए फायर टैंकर तैयार करना चाहिए।
बाबू चौधरी, जिला पंचायत सदस्य
आचार संहिता चल रही है आचार संहिता खत्म होने के बाद योजना बनाएंगे।
एसएस रावत, सीईओ होशंगाबाद

पिछले वर्षों में हुई आगजनी की बड़ी घटना
३० मार्च २०१८- बीसारोड़ा-बम्हनगांव के बीच १८ एकड़ फसल जली
१६ मार्च २०१८- तीखड़ में ५० मिनट में ५० एकड़ फसल जली
३० मार्च २०१८ – जासलपुर में ३०० एकड़ खेत खाक
२९ मार्च २०१७ – खेड़ा से सनखेड़ा के बीच ४० एकड़ की फसल जली।

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