जब भी खेत की खड़ी फसल में आग लगती है तो वह तेजी से फैलती है। ऐसे में खेतों की आग बुझाने के लिए आसपास के शहरों से नगर पालिका की फायर बिग्रेड बुलाई जाती है जिसे आगजनी स्थल तक पहुंचने में आधा घंटे से ज्यादा लग जाते है जब तक खेतों में बड़ा नुकसान हो जाता है। यदि पंचायतों में फायर टैंकर होंगे तो तुरंत आग पर काबू पाया जा सकेगा।
अधिकांश खेतों में आग बिजली के तारों में हुए शार्ट सर्किट से लगती है। इसके लिए प्रशासन अभी से एहतियात बरते तो नुकसान को रोका जा सकता है। किसानों के अनुसार सुबह ९ से शाम ५ बजे तक खेत फीडर की बिजली सप्लाई बंद रखी जाए तो आगजनी की घटना काफी हद तक रुक सकती है।
बाबू चौधरी, जिला पंचायत सदस्य
एसएस रावत, सीईओ होशंगाबाद पिछले वर्षों में हुई आगजनी की बड़ी घटना
३० मार्च २०१८- बीसारोड़ा-बम्हनगांव के बीच १८ एकड़ फसल जली
१६ मार्च २०१८- तीखड़ में ५० मिनट में ५० एकड़ फसल जली
३० मार्च २०१८ – जासलपुर में ३०० एकड़ खेत खाक
२९ मार्च २०१७ – खेड़ा से सनखेड़ा के बीच ४० एकड़ की फसल जली।