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नेपाल से आए युवक को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ले गए चेकअप के लिए अस्पताल, गार्ड ने झिड़का और डॉक्टर ने टरकाया…

locationइटारसीPublished: Mar 25, 2020 07:17:55 pm

Submitted by:

Rahul Saran

-ग्राम पंचायत लोहारिया कलां का मामला

Ayush Health: कैंसर, मधुमेह सहित असंचारी रोग उपचार में यह पैथी मददगार, जानें स्थिति

Ayush Health: कैंसर, मधुमेह सहित असंचारी रोग उपचार में यह पैथी मददगार, जानें स्थिति

इटारसी। ग्राम लोहारिया कलां में नेपाल से लौटे एक युवक को स्वास्थ्य जांच के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सचिव शासकीय अस्पताल लेकर पहुंचे तो उन्हेें वहां पहले गार्ड की अभद्रता झेलना पड़ी। इसके बाद ड्यूटी डॉक्टर ने भी युवक को चेक किया बिना पहले बाहर से ही टरकाने की कोशिश की मगर जब उन्होंने इसका विरोध किया तो डॉक्टर ने युवक का चेकअप किया। युवक का चेकअप कराने के चक्कर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सचिव को करीब 2 घंटे परेशान होना पड़ा। इधर इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने इस तरह के आरोपों को सिरे से नकार दिया है
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यह है मामला
ग्राम लोहारिया कलां की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ज्योति पवार और सचिव विजय चौहान को एक युवक के पिछले दिनों जमात के साथ नेपाल से आने की सूचना मिली थी। इस सूचना के बाद उक्त युवक को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ज्योति पवार व सचिव विजय चौहान जिम्मेदार नागरिक का परिचय देते हुए उसे सुरक्षित ढंग से अस्पताल लेकर आए। अस्पताल आने के बाद उन्हें वहां कड़वे अनुभव का सामना करना पड़ा।
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2 घंटे बाद हुआ चेकअप
अस्पताल पहुंचने के बाद जब वे उस युवक को लेकर अंदर जाने लगे तो निजी गार्ड ने उन्हें गेट पर रोक दिया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सचिव ने पूरा मामला बताया फिर भी गार्ड ने उनकी नहीं सुनी और उनसे अभद्रता की। इधर ड्यूटी डॉक्टर ने भी पहले युवक का बिना चेकअप किए उसे टरकाने की कोशिश की। इस माथापच्ची में वे लोग करीब 2 घंटे तक परेशान होते रहे। जब उन्होंने पूरे गांव के स्वास्थ्य का हवाला दिया गया तब डॉक्टर ने युवक का चेकअप किया और उसमें कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं होने का कहकर वापस लौटा दिया।
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लापरवाही पड़ सकती है भारी
शासकीय अस्पताल में डॉक्टर द्वारा बिना चेक किए ही टरकाने का यह मामला बड़ी समस्या का कारण बन सकता है। इसी तरह सिंधी कॉलोनी में भी नेपाल से लौटे कुछ युवकों को शासकीय अस्पताल से बिना चेकअप के ही लौटाने की बातें भी सामने आई थीं हालांकि उनकी पुष्टि नहीं हो सकी थी। अगर इस तरह का घटनाक्रम शासकीय अस्पताल में चल रहा है तो प्रशासन को इसे गंभीरता से लेकर इसके लिए सख्ती से निर्देश जारी करना चाहिए ताकि शहर में संक्रमण ना फैले।
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इनका कहना है
हम युवक के नेपाल से आने की जानकारी मिली थी तो हम सबकी सुरक्षा के हिसाब से अस्पताल गए थे मगर वहां पर बहुत गैर जिम्मेदाराना तरीके से व्यवहार किया गया। उस व्यवहार से दुखी होकर ही हमने सोशल मीडिया पर घटनाक्रम की पोस्ट डाली थी। अस्पताल में अगर डॉक्टर ऐसा करेंगे तो फिर किसके पड़ी है कि वो अपनी जान खतरे में डाले।
ज्योति पवार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लोहारिया कलां
ऐसी कोई बात नहीं है। अव्वल तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को उसके साथ आना ही नहीं चाहिए था क्योंकि यदि युवक को संक्रमण होता तो उसे भी होने का खतरा रहता जिससे दूसरों को भी खतरा रहता। अस्पताल में इस तरह के मामले आने पर प्राथमिकता से जांच की जाती है।
डॉ एके शिवानी, अधीक्षक डीएसपीएम अस्पताल
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