३५४ गांवों में आदिवासियों ने किया काम
मध्यप्रदेश का होशंगाबाद जिला देश के अन्य आदिवासी जिलों के लिए मिसाल बनकर सामने आया है। होशंगाबाद सामान्य वनमडंल के ३५४ गावों के ग्रामीणों ने लॉकडाउन के समय का बखूबी उपयोग करते हुए शासन की योजना का लाभ उठाया है।
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जिले में हुई 20 हजार क्विंटल खरीदी
शासन ने महुआ फूल का समर्थन मूल्य 35 प्रति किलो निर्धारित किया है। व्यापारिक प्रतिस्पर्धा के बीच आदिवासी परिवारों को दाम ३८ रुपए प्रतिकिलो तक मिल रहे हैं। जिले में अभी तक लगभग २० हजार क्विंटल महुआ खरीदी हो गई है। जिले में 200 पंजीकृत व्यापारी खरीदी कर रहे हैं जिन्होंने 5 लाख रुपए की राशि जैव विविधता बोर्ड में जमा करा चुके हैं।
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इन जड़ी-बूटियों की है प्रचुरता
सतपुड़ा के जंगलों में विभिन्न प्रजाति की वनोपज व जड़ी बूटियों का भंडार है यहां आंवला, हर्रा बहेड़ा, बेर, वेल, अर्जुन की छाल, चिरौंजी,महुआ, तेंदूपत्ता, गुल्ली, कड़वा चिरायता आदि वनोपज बहुतायद में मौजूद है । इन वनोपजों को जिले में करोड़ों का कारोबार होता है।
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इनका कहना है
आत्मनिर्भर भारत के सपने को होशंगाबाद जिला पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ा है। यहां के करीब ३५४ गांवों के आदिवासी परिवारों ने लॉक डाउन में वनोपज महुआ से करीब ८ करोड़ रुपए की आय अर्जित की है। इससे उनका आर्थिक स्तर सुदृढ़ होगा।
अजय कुमार पांडे, डीएफओ होशंगाबाद