मंडी के अधिकारियों ने बताया कि इस साल सरकार ने गेंहू का समर्थन मूल्य 2015 रुपए घोषित किया है, लेकिन शासन ने फसल बिकते ही किसानों को नगद भुगतान करने के आदेश का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। इससे किसान उत्साहित है, क्योंकि उसे फसल बेचते ही आरटीजीएस के माध्यम से दो लाख रुपए का नकद भुगतान कुछ ही मिनटों में उसके खाते में पहुंच रहा है। इस वजह से किसानों का रूझान अब मंडी में गेंहू लाकर बेचने के प्रति बनने लगा है।
इटारसी कृषि मंडी में गेंहू 25 मार्च को पहले दिन आया था, जिसका भाव 2304 रुपए पर बिका। इसके बाद 29 मार्च तक भाव नीचे उतरकर 2200, 2150 रुपए तक गया। इस बीच चार दिन तक मंडी में त्योहारी अवकाश के चलते खरीदी बंद रही। 4 अप्रैल से पुन: मंडी खुली। जिसमें उच्चतम भाव 2020 रुपए पर बिका। इस दिन 20 हजार बोरी की आवक हुई। मगर 05 अप्रैल को भाव 2025 रुपए रहा। इस दिन 14 हजार बोरी की आवक हुई।
खरीदी केंद्र ना खुलने से किसान पहुंचे मंडी
जिले के 80 फीसदी खरीदी केंद्र निर्धारित तिथि 4 अप्रैल से अभी तक नहीं खुल पाएं। इन केंद्रों में नागरिक आपूर्ति निगम खरीदी कर रही है। इसके कारण किसानों का झुकाव मंडी की ओर जाने लगा। किसान संघ के प्रवक्ता रजत दुबे ने बताया कि चूंकि मूंग की फसल बोनी है। इसलिए किसानों को अभी पैसे की जरूरत है। सरकार ने दो लाख रुपए के तत्काल नगद भुगतान की जो व्यवस्था बनाई है, उससे किसान का रूझान मंडी की ओर बढ़ा है। इसके कारण किसान उत्साहित होकर बड़ी संख्या में बुधवार को मंडी पहुंचे। आज उच्चतम भाव 2332 रुपए क्विंटल पर गेंहू बिका, वही आवक भी पुन: बढ़कर 15379 बोरी रही।
मंडी में फसलों के उच्चतम भाव इस प्रकार रहे -गेंहू 2332, चना 4860, तुअर 5995, उड़द 2500, सरसो 6400, सोयाबीन 7100, धान 3265 और मूंग 6460 रुपए।
वर्जन
इटारसी मंडी में किसान फसल लाकर बेचने को उत्साहित दिख रहे हैं। क्योंकि उन्हें उच्च भाव के साथ भुगतान भी तुंरत मिल रहा है। मंडी प्रबंधन ने भी किसानों को हरसंभव मदद कर रही है। उनकी सुविधाओं का ध्यान रखी है। वही व्यापारी, हमाल और किसानों में समन्वय अच्छा होने से किसान को लाभ मिल रहा है।
- राजेश मिश्रा, सचिव, कृषि उपज मंडी, इटारसी।