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Painful accident : साड़ी के झूले ने किशोरी की ले ली जान

locationजबलपुरPublished: Jul 05, 2019 06:23:47 pm

Submitted by:

tarunendra chauhan

दर्दनाक हादसा: खेलते समय साड़ी का झूला किशोरी के गर्दन में लिपटा, मौत

Accident

एक्सिडेंट

जबलपुर. बच्चों को अकेले खेलनेे के लिए छोड़ देना घातक सिद्ध हो सकता है। घरों में अक्सर लोग बच्चों को खेलते देख दूसरे कामों में लग जाते हैं। अभिभावकों की यह अनदेखी कभी-कभ बच्चों के लिए घातक सिद्ध होती है। कई बार बच्चों को जान से हाथ धोना पड़ता है। पानी से भरी बाल्टी, साड़ी या गमछे का झूला या फिर कोई अन्य गेम, जिसमें बच्चे को नुकसान पहुंचने की आशंका हो तो अभिभावक निगरानी में ही खेलने दें। बच्चों को दुर्घटनाओं से बचाने की जिम्मेदारी भी अभिभावकों की होती है। इसलिए जब बच्चे खेल रहे हों तो उनके आसपास ही रहें, ताकि किसी प्रकार की अनहोनी की आशंका न रहे। दो दिन पहले साड़ी के झूले का फंदा बन जाने से एक बालिका की जान चली गई।

ये है मामला
घमापुर न्यू कछियाना में दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया। साड़ी का झूला डालकर छोटी बहन के साथ खेल रही 13 वर्षीय बालिका के गर्दन में साड़ी लिपट गई। इससे उसकी मौके पर मौत हो गई। पुलिस ने मामला जांच में लिया है। पुलिस के अनुसार न्यू कछियाना निवासी किशन भाट ने बताया कि उसकी 13 वर्षीय बेटी प्रगति उर्फ मुनमुन छोटी बहन के साथ कमरे में दरवाजा बंद कर खेल रही थी। दोनों साड़ी के झूले में झूल रही थीं। बड़ी बेटी प्रगति साड़ी के झूले को घुमा रही थी।

अचानक साड़ी उसकी गर्दन में लिपट गई और उसकी सांसें थम गईं। छोटी बेटी उसे देखती रह गई। साड़ी का बंधन ढीला होते ही प्रगति गिरी, तो छोटी बेटी ने शोर मचाया। जब तक घर के अन्य सदस्य पहुंचते, देर हो चुकी थी।

बच्चे खतरों से होते हैं अनजान
बच्चों को यह नहीं पता होता है कि वह जो खेल रहे हैं, उससे उन्हे नुकसान हो सकता है। यह जिम्मेदारी माता-पिता की होती है कि वह बच्चों को अपनी निगरानी में ही कोई भी गेम खेलने दें, ताकि उनकी परेशानी का दूर कर सकें और उन पर किसी प्रकार की समस्या नही आ सके।

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