जबलपुरPublished: Jun 23, 2019 12:41:30 am
santosh singh
जालसाजों ने शहर के बड़े व्यवसायी के नाम का फायदा उठाकर उसके बैंक खाते से अर्जेंट पेमेंट ट्रांसफर की सुविधा का फायदा उठाते हुए बैंक मैनेजर से 17 लाख रुपए ठग लिए
थाने में एसपी अमित सिंह भी पहुंचे
जबलपुर. जालसाजों ने शहर के बड़े व्यवसायी के नाम का फायदा उठाकर उसके बैंक खाते से अर्जेंट पेमेंट ट्रांसफर की सुविधा का फायदा उठाते हुए बैंक मैनेजर से 17 लाख रुपए ठग लिए। इसका खुलासा तब हुआ, जब बैंक मैनेजर के पास उक्त व्यवसायी का चेक नहीं पहुंचा। व्यवसायी का खुद मैनेजर के पास फोन आया और चेक की डिमांड किए जाने पर ठगी की जानकारी हुई। बैंक मैनेजर ने इस प्रकरण में ओमती थाने में ठगी का मामला शनिवार को दर्ज कराया। थाने में एसपी अमित सिंह भी पहुंचे।
खटवानी मोटर्स का मालिक बनकर फोन किया
पुलिस के अनुसार सुल्तानपुर आगरा केंट (यूपी) निवासी अनुज कुमार माढ़ोताल स्टेट बैंक में शाखा प्रबंधक हैं। उनकी पदस्थापना कुछ समय पहले ही यहां हुई थी। 17 जून को शाम 4.25 बजे उनके नम्बर पर एक कॉल आया। इसमें ट्रू-कॉलर एप से रबिन खटवानी आ रहा था। कॉल करने वाले ने रबिन खटवानी मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक के तौर पर दी। अपने खाते के सम्बंध में जानकारी देते हुए उनकी नियुक्ति पर बधाई दी। शाम छह बजे फिर कॉल आया और खाता नम्बर बताते हुए बैलेंस पूछा। मना करने पर कहा कि किसी एंट्री का मिलान नहीं हो रहा है। रिक्वेस्ट करने पर बैलेंस बता दिया।
दो बार में जमा कराए रुपए
18 जून की सुबह 10.57 बजे फिर कॉल आया और बैलेंस की जानकारी ली। 19 जून को अर्जेंट ट्रांसफर पेमेंट कहकर व्यावसायिक भुगतान के लिए एक खाता नम्बर दिया गया। कहा गया कि कुछ ही देर में मिस्टर विवेक राय चेक लेकर बैंक पहुंच जाएंगे। वाट्सऐप नम्बर पर सम्बंधित डिटेल भेजा। बैंक के अन्य स्टाफ ने भी बताया कि उनके अर्जेंट पेमेंट होते रहते हैं। इसके बाद बैंक मैनेजर ने बताए गए खाते में 8.23 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। चेक के बाबत फोन करने पर कहा कि वह बाहर हैं, ऑफिस पहुंचते ही चेक भिजवा देंगे।
खटवानी का कॉल आया तो खुलासा
20 जून को फिर कॉल आया और पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। आपत्ति करने पर धमकी दी कि वह खाता क्लोज करा देंगे। इसके बाद बैंक मैनेजर ने फिर उनके बताए खाते में 8.75 लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए।शाम पांच बजे के लगभग रॉबिन खटवानी ने खुद बैंक मैनेजर को कॉल किया। मैनेजर ने दोनों चेक की डिमांड की तब जाकर ठगी की अहसास हुआ। पुलिस ने प्रकरण में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच में लिया है।