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उद्योग के नाम पर ली जमीन, उग रहीं झाडिय़ां

locationजबलपुरPublished: Jan 19, 2020 06:43:03 pm

Submitted by:

shyam bihari

जबलपुर के रिछाई और अधारताल में 20 फीसदी जमीन का नहीं हो इस्तेमाल
20 percent of the industry land in Jabalpur should not be used
Land taken in the name of industry, shrubs growing

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यह है स्थिति
– 02 औद्योगिक क्षे अधारताल और रिछाई जिला उद्योग के आधिपत्य में।
– 200 हेक्टेयर के करीब जमीन दोनों औद्योगिक क्षेत्रों में।
– 400 से अधिक छोटे एवं बड़े उद्योगों का संचालन।
– 20 से अधिक इकाइयां बंद होकर खंडहर में तब्दील।
– 04 हजार से ज्यादा लोगों को मिला है उद्योगों में रोजगार।
– 50 से ज्यादा आवेदन दोनों क्षेत्रों में नए उद्योगों के लिए।

जबलपुर। रिछाई और अधारताल औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगविहीन भूमि और उद्योगों के पास अनुपयोगी अतिरिक्त भूमि का आकलन उद्योग विभाग की जबलपुर शाखा ने कराया है। लगभग 20 प्रतिशत भूमि (100 एकड़ के करीब) ऐसी है, जिसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। इस भूमि को लेकर जल्द ही उद्योग विभाग नोटिस जारी कर सकता है। 22 जनवरी को विभाग की सम्भागीय बैठक आयोजित की जा रही है, जिसमें यह विषय भी शामिल रहेगा। इसमें भूमि के उपयोग की कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
प्रदेश शासन के नवीन औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 में यह प्रावधान किया गया है जिसमें उद्योग या बंद पड़ी इकाइयों के पास अतिरिक्त भूमि का 50 फीसदी हिस्सा नए उद्यमियों को हस्तांतरित किया जा सकता है। इसी के तहत न केवल जबलपुर बल्कि संभाग के प्रत्येक जिले की ओर से अतिरिक्त भूमि का आंकलन कराया गया है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र के पास रिछाई एवं अधारताल औद्योगिक क्षेत्र हैं। यहां भी इस तरह के उद्योग हैं जिनके पास अतिरिक्त भूमि है, लेकिन उसका उपयोग कम ही होता है।
इन दोनों औद्योगिक क्षेत्रों में बंद इकाइयों की संख्या भी ज्यादा है। इसमें रिछाई की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। यदि रिछाई औद्योगिक क्षेत्र में प्रवेश करो तो सबसे पहले इन्हीं बंद और खंडहर इकाइयों के दर्शन निवेशकों को होते हैं। इनमें कुछ इकाइयों का प्रकरण बैंक से लेकर न्यायालय में भी लंबित है। ऐसे में उद्योग विभाग भी चाहकर कोई कार्रवाई नहीं कर पाता। इसका नुकसान विभाग को किराए के रूप में होता है। इन इकाइयों से उसे हर साल मिलने वाला शुल्क भी नहीं मिलता। यही नहीं कुछ चालू इकाइयां भी हैं जिनकी ओर से किराया नहीं दिया जाता। अब इन इकाइयों को भी नोटिस दिया जाएगा।
दोनों ही औद्योगिक क्षेत्र में करीब 194 हेक्टेयर जमीन है। यहां लगभग 400 छोटी एवं बड़ी इंडस्ट्री संचालित हो रही है। 151 हेक्टेयर क्षेत्रफल में स्थापित रिछाई औद्योगिक क्षेत्र में करीब 250 इंडस्ट्री चल रही हैं। इसी प्रकार अधारताल की बात की जाए तो 44 हेक्टेयर में लगभग 155 उद्योग संचालित हो रहे हैं। उद्योग परिक्षेत्रीय कार्यालय के संयुक्त संचालक आरसी कुरील ने बताया कि जबलपुर सहित सम्भाग के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में उपलब्ध भूमि और उद्योगों के पास अतिरिक्त अनुपयोगी भूमि का आंकलन कराया गया है। इन्हें निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी ताकि नए लोगों को मौका मिल सके।

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