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सर्वे के बाद तय होगा कहां बनेगा बाघों का बाड़ा
टाइगर सफारी बनाने के लिए कवायद तेज
डुमना नेचर रिजर्व और भेड़ाघाट में होगा सर्वे
वन अधिकारियों के अनुसार सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया की गाइड लाइन में बदलाव हुआ है। नई गाइडलाइन के मुताबिक चिह्नित स्थानों पर हैबीटेट सर्वे होगा। जहां की रिपोर्ट अच्छी आएगी, उस क्षेत्र को प्रस्तावित किया जाएगा। टाइगर सफारी, जू एवं रेस्क्यू सेंटर के जमीन की तलाश की जा रही है। मुकुंदपुर में 100 हेक्टेयर जंगल में ह्वाइट टाइगर सफारी बनी है। डुमना और भेड़ाघाट में पर्याप्त जमीन है। मप्र शासन ने जबलपुर में टाइगर सफारी बनाने का प्रोजेक्ट स्वीकृत किया है। वन अधिकारियों ने डेढ़ वर्ष पूर्व डुमना नेचर रिजर्व को प्रस्तावित किया था लेकिन सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सर्वे और क्लीन चिट मिलने के पहले ही वन विभाग और नगर निगम के बीच भूमि ट्रांसफर का पेच फंस गया और पूरी प्रक्रिया पर ग्रहण लगा। टाइगर सफारी का प्रोजेक्ट फिर फाइलों से बाहर आया है। कलेक्ट्रेट के राजस्व और वन विभाग के अधिकारी कार्य शुरू करने के लिए बैठक कर रहे हैं।
तीन क्षेत्रों में तय करना है स्थान
करीब 500 हेक्टेयर फेंसिंग एरिया में डुमना नेचर रिजर्व है। इसमें अच्छा जंगल और खंदारी जलाशय है। इस क्षेत्र में नगर निगम ने पर्यटन की दृष्टि से लाखों रूपए का निर्माण कार्य कराया है। वहीं नेचर रिजर्व के बाहर करीब 450 हेक्टेयर खुला क्षेत्र है, जहां टाइगर सफारी बनाने पर मंथन चल रहा है। यह क्षेत्र एयरपोर्ट के समीप है, रन वे विस्तार के बाद फ्लाइट की संख्या बढऩे पर शोर से वन्य प्राणियों पर बुरा असर पड़ सकता है। भेड़ाघाट में पंचवटी के दूसरी ओर वन विभाग का 159 हेक्टेयर जंगल है, इसी से लगी हुई नगर पंचायत की 26 हेक्टेयर जमीन है। यहां टाइगर सफारी बनने का रास्ता साफ हुआ तो भेड़ाघाट के पर्यटन के और पंख लग जाएंगे।
सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया की नई गाइडलाइन के अनुसार हैबीटेट सर्वे किया जाएगा, उसके बाद टाइगर सफारी का स्थान तय होगा। डुमना नेचर रजिर्व और भेड़ाघाट में सर्वे करने की योजना है।
– डॉ. एम. कालीदुरई, मुख्य वन संरक्षक