कलपुर्जों की ढलाई करने वाली ग्रे आयरन फाउंड्री (जीआइएफ) ने पहली बार शारंग तोप तैयार की। यह पहला मौका है जब निर्माणी ने अलग हटकर काम किया। इस तोप का लॉन्ग पू्रफ रेंज खमरिया में परीक्षण भी हुआ। यह सफल था। इस बीच शहर में जीसीएफ और वीएफजे के बाद जीआइएफ तीसरी निर्माणी बन गई जिसने शारंग तोप तैयार की।
विदेशों से वाहन की मांग
आयुध निर्माणियों में बने उत्पादों की न केवल भारतीय सेना, बल्कि विदेशों में भी मांग है। वीएफजे में बने सुरंगरोधी वाहनों की मांग बांग्लादेश तक से आई। इस देश का एक प्रतिनिधिमंडल वीएफजे पहुंचा था। उसने इस वाहन की खूबियों को अधिकारियों से समझा। माना जा रहा है कि वीएफजे को इस वाहन के निर्यात का ऑर्डर मिल सकता है।
पहली बार लम्बी प्रदर्शनी
आजादी के अमृत महोत्सव पर आयुध प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यह पहला मौका था कि आमजनों के लिए लगातार सात दिन के लिए प्रदर्शनी लगाई गई। लोगों को जीसीएफ, वीएफजे, ओएफके और जीआईएफ में बने रक्षा उत्पादों को देखने का मौका मिला। पहली बार एलपीआर में आम लोगों को तोपों की लाइव फायरिंग दिखाई गई।