तब महज 14 घंटे में बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया था
पुलिसिंग और अनुभव क्या होता है, ये सात वर्ष पहले हुए वाकए से लगाया जा सकता है। 18 अप्रैल 2013 की शाम छह बजे तीन वर्ष के मासूम शिवांश का अपहरण कर 50 लाख की फिरौती मांगी गई थी। तब तत्कालीन डीआईजी मकरंद देउस्कर, एसपी रहे एचएन मिश्रा ने ऑपरेशन विजय शुरू किया। पुलिस टीम ने महज 14 घंटे में बच्चे को सही सलामत बरामद कर लिया। मामले में शिवांश की बुआ पूजा पटेल और उसके प्रेमी शिशुपाल बर्मन को गिरफ्तार किया। पनागर के चौबे उमरिया निवासी पूजा ने अपहरण की पठकथा रची थी। वह प्रेमी के साथ पैसे लेकर कहीं दूर जिंदगी गुजारने का सपना बुन बैठी थी।
शुक्रवार को कराई थी बात-
अपहरणकर्ता लगातार फिरौती की रकम मांग रहे थे। सीसीटीवी फुटेज में कार गोहलपुर अमखेरा में देखी गई। अपहरणकर्ताओं का लोकेशन भी पनागर क्षेत्र में लगातार मिल रहा था। यहां तक कि आरोपियों ने फिरौती की रकम भी पनागर क्षेत्र में ही लिया, बावजूद पुलिस घेराबंदी करने और बच्चे को बचाने में फेल रही। पुलिस सुत्रों के मुताबिक फिरौती की रकम लेने के बाद ही अपहरणकर्ताओं ने बच्चे को मार कर बिछुआ स्थित बरगी नहर में फेंक दिया।
तीन लोग हुए गिरफ्तार-
पुलिस सूत्रों के मुताबिक अपहरणकर्ता कारोबारी के करीबी हैं और उन्हें पुलिस की एक-एक पल की जानकारी थी। मामले में तीनों की गिरफ्तारी के बाद बच्चे की हत्या की जानकारी सामने आयी। रात में गोरखपुर क्राइम ब्रांच में अधिकारियों की बैठक हुई। फिर पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने बच्चे को नहर में फेंका है। फिर कलेक्टर और सिंचाई विभाग से समन्वय बनाकर नहर का पानी रोका गया। सुबह उसकी लाश पनागर के बिछुआ गांव के पास मिली।
बेरीकेड लगाकर रोक दिया
पुलिस ने घटनास्थल को बेरीकेड लगाकर बंद कर दिया है। वहां किसी को आने-जाने की अनुमति नहीं है। पनागर नगर परिषद से सीएमओ क्रेन और कुछ कर्मियों को लेकर मौके पर पहुंचे हैं। बच्चे की हत्या के बाद से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। कारोबारी पिता बदहवासी के हालत में पहुंच गया है। इकलौते बेटे की हत्या से पूरा परिवार और रिश्तेदार गमगीन हैं। बच्चे की लाश नहर के चोई में फंसी थी।