scriptअपहरण में 24 घंटे होते हैं बेहद अहम, डीजीपी के आवभगत में गवां दिया | 24 hours in kidnapping is very important, lost in hospitality of DGP | Patrika News

अपहरण में 24 घंटे होते हैं बेहद अहम, डीजीपी के आवभगत में गवां दिया

locationजबलपुरPublished: Oct 18, 2020 11:46:33 am

Submitted by:

santosh singh

-पुलिस अधिकारियों की अनुभवहीनता बच्चे की हत्या की बनी वजह, सात वर्ष पहले महज 14 घंटे में अधिकारियों ने 50 लाख की फिरौती वाले प्रकरण का खुलासा कर लिया था

kidnapping and murder case

kidnapping and murder case

जबलपुर। अपहरण के 24 घंटे बेहद अहम होते हैं, लेकिन जबलपुर की पुलिस प्रदेश के पुलिस मुखिया की आवभगत में जुटी रही। जब बच्चे को बचाने में पूरी ताकत झोक देनी थी, तो अधिकारियों की अनुभवहीनता आड़े आ गई। जबकि इसी शहर में सात वर्ष पहले अनुभवी अधिकारियों की जोड़ी ने ऐसे ही हाईप्रोफाइल प्रकरण को महज 14 घंटे में सुलझा लिया था। अपहरणकर्ता इतने शातिर निकले कि फिरौती रकम ऐंठने के बाद भी बच्चे को नहीं छोड़ा। उसकी हत्या कर नहर में लाश फेंक दी। मासूम के गले में गमछा बंधा मिला। आशंका व्यक्त की जा रही है कि गमछे से गला कसने के बाद शव को नहर में फेंका गया होगा। मौके पर एफएसएल टीम सहित भारी पुलिस बल मौजूद है।

Mukesh Lamba's son Aditya (13)
IMAGE CREDIT: patrika

धनवंतरी नगर एलआईजी निवासी मुकेश लाम्बा के बेटे आदित्य (13) का अपहरण और फिरौती मांगने वाले बदमाशों ने एक घंटे बाद ही कॉल किया था। रात में ही बदमाशों ने फिरौती की रकम के लिए पिता को भी कॉल किया। जब अधिकारियों को पूरी ताकत झोंकनी थी, तो धनवंतरी नगर चौकी में बैठकर टेबल रणनीति बनाते रहे। जबकि अपहरण जैसे संवेदनशील प्रकरण में 24 घंटे बेहद अहम होते हैं। अपहरण और फिरौती में अमूमन जानने-पहचानने वाले ही शामिल होते हैं। ऐसे में बच्चे की जिंदगी पर हर पल खतरा मंडराता है। बावजूद पुलिस इस अहम घंटे को गंवा बैठी और इसी की परिणित रही कि बच्चे को अपहरणकर्ताओं ने फिरौती वसूलने के बाद भी मार डाला।

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