बड़े पैमाने पर घटिया धान की खरीदी और भंडारण को लेकर प्रशासन ने जिला स्तर पर जांच दल का गठन किया था, जो ओपन कैप में पहुंचकर खरीदी गई धान की क्वॉालिटी को जांच कर उसको रिजेक्ट-पास करता। जिला स्तर पर गठित टीम में तहसीलदार सिहोरा नीता कोरी, फूड कंट्रोलर एमएएच खान, बीएमओ विवेक तिवारी, एफओ मीनाक्षी दुबे डीआर शिवम मिश्रा, आरआई अम्बिकेश्वर बडग़ैया हृदय नगर ओपन कैप की धान की जांच के लिए पहुंचे। अधिकारियों ने जांच के दौरान बोरियों की जांच की और दो स्टेक छह हजार बोरी (2400 क्विंटल) धान को रिजेक्ट कर दिया।
कैसे हो गई खरीदी जांच का विषय
समर्थन मूल्य पर घर धान की सरकारी खरीदी के दौरान इस बार सख्ती बरती जा रही थी। धान खरीदी से पहले सर्वेयर उसकी जांच कर खरीदी की स्वीकृति प्रदान करते थे। उसके बाद भंडारण के समय भी दोबारा उसकी जांच होती थी। इतनी निगरानी के बाद भी करोड़ों की घटिया धान की खरीदी और आसानी से भंडारण हो गया। इतने बड़े पैमाने पर जितनी भी सोसायटियों अमानक धान की खरीदी की है, उनके खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जा सकती है।
दोनों ओपन कैप के 12 स्टेक अपग्रेडेशन में
अधिकारियों के मुताबिक ओपन कैप की जांच के दौरान हृदय नगर ओपन कैप के 12 स्टेक और गोसलपुर के चार स्टेक अपग्रेडेशन में रखे गए हैं। इसका मतलब इन स्टेक में मिली धान को साफ कर उपयोग में लाया जा सकता है।
कलेक्टर के निर्देश पर समितियों ने हृदय नगर और गोसलपुर ओपन कैप में भंडारित धान की क्वॉलिटी की जांच की। जांच के दौरान हृदय नगर ओपन कैप में दो स्टेक लगभग 24 सौ क्विंटल धान मानक के अनुसार नहीं मिली, जिसे रिजेक्ट कर दिया गया है।
मीनाक्षी दुबे, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सिहोरा