दोनों जलाशयों से नगर के बड़े इलाके में होती है जलापूर्ति

गहरीकरण- डिशिल्टिंग की उठती रही है मांग-
परियट व खंदारी जलाशय दोनों बहुत पुराने हो चुके हैं। जानकारों के अनुसार अंग्रेजों के शासन काल में बने जलस्रोत शिल्ट से काफी भर चुके हैं। इसके कारण कम बारिश होने पर भी ये जलाशय ओवरफ्लो हो जाते हैं, लेकिन गर्मी के सीजन में उनका जल स्तर काफी कम हो जाता है। दोनों जलस्रोतों की डीशिङ्क्षल्टग व गहरीकरण की मांग लम्बे समय से उठती रही है। पिछले दिनों नगर सरकार के दौरान नगर निगम के सदन में इन जलाशयों के गहरीकरण व डीशिङ्क्षल्टग का मुद्दा उठ चुका है, लेकिन इस दिशा में पहल नहीं की गई। इन जलाशयों में चार व सात फीट ही पानी शेष रह गया है।
परियट जलाशय में लगभग पच्चीस दिन आपूर्ति का पानी बचा है। खंदारी जलाशय में फिलहाल पर्याप्त पानी है। समय पर बरसात शुरू हो जाती है तो जलापूर्ति में किसी प्रकार की समस्या नहीं आएगी।
- कमलेश श्रीवास्तव, अधीक्षण यंत्री, नगर निगम