कोविड के कारण मिला था अतिरिक्त समय
रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की यह तिथियां कोरोना की वजह से बढ़ाई गईं थीं। जिन्हें ऑडिट नहीं कराना होता, ऐसे करदाताओं की रिटर्न जुलाई के अंत तक जमा करनी होती है। लेकिन इस तिथि को आगे बढ़ाकर 30 सितंबर किया गया। बाद में इसे 31 दिसंबर कर दिया गया। इसी प्रकार ऑडिट रिपोर्ट वालों को 30 सितंबर तक इसे जमा करना होता है। तिथि को पहले अक्टूबर फिर 15 जनवरी 2022 किया है।
आपके हर सवाल का जवाब एफएक्यू
बिना ऑडिट वाली रिटर्न की अंतिम तिथि क्या है।
इस रिटर्न को 31 दिसंबर तक जमा कर सकते हैं।
तय तिथि के बाद कितनी पेनल्टी लगाई जाती है।
यह पेनल्टी एक हजार से 10 हजार रुपए तक है।
लेट रिटर्न के और क्या नुकसान हो सकते हैं ।
लेट रिटर्न में कोई संशोधन नहीं किए जा सकते।
पोर्टल पर सुविधा
करदाताओं को आयकर विभाग के पोर्टल पर एक सुविधा उपलब्ध कराई गई है जिसमें अपने पैन से संबंधित सभी प्रकार के वित्तीय लेनदेन को देखा जा सकता है। इसका अवलोकन करने के उपरांत ही रिटर्न दाखिल किया जाए तो ज्यादा बेहतर होगा। समय पर रिटर्न रिपोर्ट जमा करने से कई फायदे हैं।
– शिशिर नेमा, कर सलाहकार