उद्यानों का बेहतर रखरखाव हो और उनमें आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो इसके लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।
आशीष कुमार, आयुक्त, नगर निगम
जबलपुरPublished: Jun 18, 2019 01:43:53 am
shyam bihari
शैलपर्ण में 30 साल से बदइंतजामी, भंवरताल में झूले नहीं, बाकी उद्यान बदहाल
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करोड़ों का बजट
बजट-वर्ष
-80941402,2017-18
-120501000,2018-19
-106001000,2019-20
जबलपुर। शहर में नगर निगम के साढ़े तीन सौ से ज्यादा उद्यान हैं। अलग से उद्यान विभाग है। सालाना करोड़ों रुपए का बजट है। फिर भी 18 लाख से ज्यादा की आबादी वाले शहर में एक भी उद्यान क ो निगम के जिम्मेदार आदर्श स्वरूप में विकसित नहीं किया गया। किसी उद्यान में पौधे ही नहीं हैं तो कहीं बच्चों के लिए झूला और मनोरंजन के साधन नहीं हैं। जिन उद्यानों में पहले आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया गया था, वह भी क्षतिग्रस्त होता जा रहा है। बीच शहर से लेकर अन्य इलाकों में कमोबेश उद्यानों का एक जैसा हाल है।
30 साल से नहीं हुआ विकास का कोई काम
शैलपर्ण उद्यान को तीन दशक पहले जेडीए ने विकसित किया था। उस दौरान पहाड़ी में वृहद स्तर पर पौधरोपण करने से लेकर झूला समेत बच्चों के मनोरंजन के अन्य साधन विकसित किए गए थे। इसके बाद प्राधिकरण उद्यान का संचालन ठेके के माध्यम से करता रहा। इस दौरान जेडीए ने उद्यान को आय का जरिए तो बनाया, लेकिन विकास का कोई भी नया काम नहीं किया। 6 महीने पहले ये उद्यान जेडीए ने निगम सुपुर्द कर दिया। इसके बाद से उद्यान को संवारना तो दूर की बात प्रवेश द्वार में अंकित जेडीए का नाम भी नहीं हटाया गया।
भंवरताल में झूले नहीं
भंवरताल उद्यान को संवारने के नाम पर निगम ने करोड़ों रुपए खर्च कर दिए। लैंड स्केपिंग से लेकर स्केटिंग रिंग, घास लगाने, नई बाउंड्रीवॉल व रैलिंग लगाने समेत कई काम किए गए। लेकिन शहर के बीचों बीच स्थित इस उद्यान में बच्चों के लिए झूले नहीं हैं। पहले ये उद्यान बच्चों के मनोरंजन के साधनों के लिए पहचाना जाता था।
उजड़ गया सिविक सेंटर उद्यान
सिविक सेंटर स्थित उद्यान की बदहाली देखकर शहरवासी हैरान रह जाते हैं। शहर के हृदयस्थल में मौजूद उद्यान की घास सूख चुकी है। उद्यान की रैलिंग टूट गई। जब तक उद्यान जेडीए के पास था, बेहतर रखरखाव किया गया। लेकिन उद्यान निगम को सुपुर्द किए जाने के बाद उजड़ गया।
उद्यानों का बेहतर रखरखाव हो और उनमें आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो इसके लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।
आशीष कुमार, आयुक्त, नगर निगम