अपग्रेड लागत – 40 लाख जबलपुर. संजीवनीनगर की सांई कॉलोनी में लोगों को स्व्छंद वातावरण देने के लिए एक एकड़ में गार्डन को अपग्रेड किया जा रहा है। गार्डन सेहत के लिए विभिन्न प्रकार की सुविधाएं जुटाई जाने की तैयारी की जा रही है। गार्डन में निर्माण किया जा रहा है, जो सवालों के घेरे में आ गया है। हालत यह है कि यहां निर्माण में रेत की जगह ब्लैक डस्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। नगर निगम के जिम्मेदार कह रहे हैं कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। वे मामले को दिखवाएंगे।
संजीवनीनगर का विकास होने के साथ यहां सांई कॉलोनी भी बनाई गई है। इस कॉलोनी के बीच में करीब एक एकड़ में बगीचा है। इस गार्डन के सौंदर्यीकरण के साथ इसका विकास किया जा रहा है। इसमें लोगों की सैर और सेहत के लिए विभिन्न प्रकार की सुविधाएं जुटाई जाएंगी। इसके लिए निर्माण कार्य किया जा रहा है। निर्माण मुख्य प्रवेशद्वार के पास से ही किया जा रहा है।
पम्प हाउस से की गई है शुरूआत गार्डन के सौंदर्यीकरण के तहत निर्माण कार्य पम्प हाउस से शुरू किया गया है। यहां नलकूप के साथ उसका ढांचा तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा यहां ध्यान केन्द्र (योग केन्द्र) का भवन तैयार किया जा रहा है।ये है हकीकत : जानकार कहते हैं कि यहां भवन के निर्माण में ब्लैक डस्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि निर्माण कार्यों में रेत के इस्तेमाल किए जाने का अनुबंध है। ब्लैक डस्ट के साथ यह भी सामने आ रहा है कि इसकी सिंचाई भी पर्याप्त नहीं की जा रही है।
एक्सपर्ट ओपिनियन इंजीनियर अर्जुन सिंह का कहना है कि ब्लैक डस्ट से की जाने वाली जुड़ाई और रेत में अंतर है। ब्लैक डस्ट में लचीलापन नहीं रहता है, जिससे मजबूती प्रभावित कर सकती है। रेत में लचीलापन होने की वजह से इसका मिश्रण निर्माण को मजबूती देता है। डस्ट की वजह से आगे चलकर निर्माण में दरार पड़ सकती है।
निगरानी का अभाव : निर्माण कार्य में निगरानी नहीं की जा रही है, जिससे ठेकेदार के द्वारा मनमानी हो रही है। इससे निर्माण की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। दो साइड बना दी बाउंड्रीवॉल
जानकार कहते हैं कि दो साइड पर गार्डन में बाउंड्रीवॉल बना दी गई है। इस निर्माण के मिश्रण में ब्लैक डस्ट का ही इस्तेमाल किया गया है। इस वॉल की भी सिंचाई न के बराबर की जा रही है।
गार्डन का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। निर्माण कार्य चल रहा है। यदि इसे टेंडर की शर्तों पर नहीं किया जा रहा है तो कार्रवाई की जाएगी। सुरेन्द्र मिश्रा, उद्यान प्रभारी, नगर निगम