दस्तावेजों की जांच में जुटे अधिकारियों का कहना है कि सचिन उपाध्याय ने पिता के रसूख और मां अनुराधा उपाध्याय के राजनीतिक दमखम का फायदा उठाते हुए कजरवारा निवासी बुजुर्ग बट्टू सेन की एक हेक्टेयर से अधिक की जमीन 2015 में हड़प ली। इसकी शिकायत सीएम तक हुई थी। बट्टू सेन के दामाद अशोक सेन और बेटे रविशंकर सेन ने जांच में जुटे अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत कराया है।
यह है मामला
80 वर्षीय बट्टू सेन चलने-फिरने में असमर्थ थे। खेती के भरोसे ही परिवार का भरण पोषण होता था। 2015 में ओले के चलते फसल बर्बाद हो गयी थी। सचिन ने बट्टू को फसल का मुआवजा दिलाने का झांसा देकर उससे जमीन के कागज में हस्ताक्षर करवा लिए। रजिस्ट्री कराने के दौरान 80 लाख रुपए का चेक लगाया गया था। इस चेक का बिना बैंक से भुगतान हुए ही खाता क्लोज करा दिया। प्रकरण में सचिन उपाध्याय को नोटिस भी जारी हुआ था, लेकिन राजनीतिक दबाव में मामला टाय-टाय फिस्स हो गया।
उपाध्याय के पार्टनरों पर भी कसने लगा शिकंजा
उधर, उपाध्याय के कारोबार में पार्टनर बनकर अकूत कमाई करने वाले चाय वाले और डॉक्टर की प्रॉपर्टी की जांच भी Eow ने शुरू कर दी है। दोनों के आयकर रिटर्न की 2006 से 2014 तक की जानकारी आयकर विभाग से मांगी है। दोनों को अपनी सम्पत्तियों के बारे में सत्यापन कराने के लिए कहा गया है।
पीएचइ से रिटायर्ड एसडीओ सुरेश उपाध्याय की बेनामी सम्पत्तियों के बारे में नई-नई सूचनाएं मिल रही हैं। उनका सत्यापन कराया जा रहा है। कई तरह का गड़बड़झाला सामने आया है।
– देवेंद्र सिंह राजपूत, एसपी Eow