जबलपुरPublished: May 31, 2019 12:30:12 pm
santosh singh
बुजुर्ग की जमीन का फर्जी दस्तावेज लगा जालसाज ने बैंक से लिया 5.85 लाख का लोन, बैंक से वसूली का पहुंचा नोटिस तो हुआ खुलासा
bank fraud
Bank Fraud
जबलपुर। 85 वर्ष के बुजुर्ग की 27 एकड़ कृषि भूमि के फर्जी दस्तावेज लगाकर बैंक से जालसाजों ने 5.85 लाख रुपए का लोन ले लिया। बैंक ने राशि रिकवरी के लिए जब नोटिस भेजा, तब भू-स्वामी को इस फर्जीवाड़े की जानकारी हुई। पीडि़त के नाती ने मामले में गुरुवार को विजय नगर थाने में धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया है।
58 वर्ष का जालसाज, बना 81 वर्षीय बुजुर्ग
पुलिस के अनुसार सरदार वल्लभ भाई पटेल वार्ड निवासी लीलाधर पहाडिय़ा का मोहनिया में 27 एकड़ कृषि भूमि है। वर्ष 2017 में कोई फर्जी तरीके से लीलाधर बनकर विजय नगर स्थित आइसीआइसीआइ बैंक से पांच लाख 85 हजार 600 रुपए का लोन ले लिया। लोन लेने वाले ने अपना पता महाराजपुर बताया है। लोन की किश्त जमा न होने पर बैंक ने रिकवरी नोटिस भेजा तो लीलाधर को इसकी जानकारी हुई। उसका नाती सृजन पहाडिय़ा मामले में पता करने बैंक पहुंचा तो वहां भी कोई जानकारी नहीं दी गई। इसके बाद वह थाने पहुंचा और शिकायत दर्ज करायी।
उधर, चेक क्लोनिंग में महीने भर बाद दर्ज हुई एफआइआर
जालसाजों ने शहर में चेक क्लोनिंग कर दो पेंशनरों के खाते से हजारों की रकम निकाल ली। मामले में अधारताल पुलिस ने जांच के नाम पर महीने भर बाद एफआइआर दर्ज की। जालसाजों ने रकम निकालने के लिए जिस चेक क्रमांक का उपयोग किया, वो खाताधारक के पास मौजूद है। पुलिस के अनुसार जयप्रकाश नगर निवासी आशीष पांडे ने शिकायत कर बताया था कि उनके पिता प्रभुदयाल पांडे जेएनकेवीवी से रिटायर्ड हैं। उसका और पिता का जेएनकेवीवीवी अधारताल स्थित यूको बैंक में संयुक्त खाता है।
17 अप्रैल को क्लोन चेक से निकाली गयी रकम
किसी ने 17 अप्रैल को चेक के माध्यम से उसके खाते से 95 हजार रुपए निकाल लिए। 18 अप्रैल को बैंक प्रबंधन की तरफ से इसकी जानकारी दी गई थी। चेक का ब्यौरा बैंक ने दिया तो उस क्रमांक का चेक उसके पास मिला। ये पैसा किसी अचिन गुप्ता के नाम से कोटक महेंद्र बैंक के खाते में ट्रांजेक्शन किया गया है। इसी तरह से फर्जीवाड़ा कर जेएनकेवीवी से सेवानिवृत्त महिला कर्मी शांता वी रवी के खाते से 96 हजार रुपए निकाल लिए गए। ये रकम सुनील नाम के व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर हुआ। प्रकरण में सप्ताह भर पहले एसपी ने एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे।