सबसे अधिक हादसे कुंडम में
जिले में होने वाले कुल सडक़ हादसों में 70 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में होते हैं। कुंडम में सबसे अधिक हादसे हुए हैं। इसका कारण शराब के नशे में तेज रफ्तार में वाहन चलाना सामने आया है। सिहोरा और बरगी में हादसों का कारण वाहन चालकों की लापरवाही सामने आई है। बेलखेड़ा और कटंगी में कृषि सम्बंधित वाहनों से अधिक हादसे हुए हैं। हाईवे चौकियों की स्थापना का उद्देश्य हादसा होने पर स्थानीय पुलिस के समानांतर खुद भी विवेचना करना है। इसके तहत हादसों का कारण जानने, ओवरस्पीड, चालक की लापरवाही, सडक़ की इंजीनियरिंग की खामी को रेखाकिंत किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट विवेचना का एक महत्वपूर्ण भाग होगा।
ये होगी व्यवस्था
-चौकी भवन के साथ वाहन जब्त करने के लिए बड़ा पार्किंग स्थल
-चौकी के सामने एएनपीआर कैमरे, पीए सिस्टम, वाहनों की गति जांचने वाले कैमरे लगाए जाएंगे
-ब्रीथ एनालाइजर
-डायल-100 और 108 एम्बुलेंस का फिक्स प्वॉइंट होगा
-चौकियों में सूबेदार स्तर के अधिकारी तैनात होंगे,
-ट्रैफिक जवानों को फस्र्ड एड का प्रशिक्षण दिया जाएगा
हादसों की स्थिति
वर्ष 2019 में
-कुल हादसे 3166
-घायलों की संख्या 3413
-मृतकों की संख्या 410
वर्ष 2020 में
-01 जनवरी से 05 मार्च तक हादसे 271
-घायलों की संख्या 382
-मृतकों की संख्या 63
शहर में यातायात थाने
-03 (गढ़ा, मालवीय चौक और घमापुर)
यहां प्रस्तावित हैं हाइवे चौकियां
-सिहोरा, बेलखेड़ा, कटंगी, बरगी और कुंडम।
ये है उद्देश्य
फोरलेन बनने के बाद अधिकतर थाने अंदर हो गए हैं। हाइवे की सुरक्षा के लिए थाने या पुलिस चौकियां नहीं हैं। हादसे की सूचना भी पुलिस को देरी से मिलती है।
यातायात पुलिस ने वर्ष 2019 में 5.50 करोड़ रुपए के चालान बनाए। इसमें से 3.50 करोड़ रुपए जिले की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए जरूरी संसाधन जुटाने और अन्य कार्यों पर खर्च किए जाएंगे। शहर से अधिक हादसे ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे हैं। इसे देखते हुए पांच हाइवे यातायात चौकी खोलने का प्रस्ताव भेजा है।
अमित सिंह, एसपी